लाल कोठी sentence in Hindi
pronunciation: [ laal kothi ]
Examples
- के सपनों को साकार करने पर बल दैनिक जागरण-मुंगेर, संवाद सूत्र: 1974 जेपी संपूर्ण क्रांति मंच ने मंगलवार को स्थानीय बड़ी बाजार लाल कोठी स्थित जेपी चौक पर लोकनायक जयप्रकाश नारायण के सपनों क 9338686.
- कमल बजाज ने बताया कि विभाग ने जिला तंबाकू काउंसल बालसिंह बैद के नेतृत्व में टीम गठित कर शहर के सी-स्कीम में 3 स्थानों पर, टोंक रोड लाल कोठी पर दो व गोपालपुरा मोड़ पर एक स्थान पर कार्रवाई की।
- लगभग 225 साल पुराने (1724 से 1949) नवाबी शासन का प्रतीक रहा तिरंगा (काला, सफेद, हरा) लाल कोठी से उतारा जा रहा था और भारत संघ का तिरंगा (केसरिया, सफेद, हरा) चढ़ाया जा रहा था।
- इसके पश्चात् भव्य रथ यात्रा का शुभारम्भ हुआ जो कि केसरगंज जैन मन्दिर से प्रारम्भ होकर मार्टिनल ब्रिज, बाबू मौहल्ला, केसरगंज गोल चक्कर, लाल कोठी, आदिनाथ मार्ग, आर्य समाज मार्ग होते हुए महावीर मौहल्ले से होकर दोबारा केसरगंज जैन मन्दिर पहंुची।
- लम्बे समय तक लाल कोठी में यह आवाज गूँजती रहेगीः-यह अजीब तरह का दौर है मगर अपनी रौ भी कुछ और है मेरी उम्र काबिले गौर है मैं चला हूँ जैसे जबाँ चले जाहिर है षायर जब खुद से सम्बोधित होता है तो खुद से नहीं जमानेसे सम्बोधित होता है।
- लम्बे समय तक लाल कोठी में यह आवाज गूँजती रहेगीः-यह अजीब तरह का दौर है मगर अपनी रौ भी कुछ और है मेरी उम्र काबिले गौर है मैं चला हूँ जैसे जबाँ चले जाहिर है षायर जब खुद से सम्बोधित होता है तो खुद से नहीं जमानेसे सम्बोधित होता है।
- लाल कोठी पर लगी संगमरमर की फर्श फर्श पर चांदी का सिंहासन जिस पर बैठा कबर में पैर लटकाए बुड्डा कुबेर कांपते हुए हाथों से थामी हुई सोने की थाली सोने की कटोरियों में चांदी के चम्मच डूबे हुए मूंग की दाल के हलवे में और पास में काजू बादाम वाले दूध का गिलास लेकर खड़ी है शालियाँ
- इस साक्षी की मुख्य परीक्षा से यह सिद्ध हुआ है कि दिनांक 24-4-08 को जब वह अपनी दुकान में बैठा था तो उसे खेत की ओर जाते लोगों से यह पता चला कि कोई दुर्घटना हो गयी है और वहां जाकर उसने देखा कि लाल कोठी में भीड एकत्रित थी और वहां पर कीरत सिंह मृत अवस्था में पडा था।
- इसके पश्चात् भव्य रथयात्रा निकाली गई जो केसरगंज जैन मन्दिर से प्रारम्भ होकर मार्टिनल ब्रिज, बाबू मौहल्ला, मदनगोपाल रोड़, केसरगंज गोल चक्कर, लाल कोठी, आदिनाथ मार्ग, कबीर मार्ग, बाजे वाली गली, आर्य समाज मार्ग होते हुए महावीर मौहल्ले से पुन: केसरगंज जैन मन्दिर पहुंवी जिसमें हजारों लोगों की उपस्थित में पूज्य जयघोष के साथ परम पूज्य आर्यिकाश्री के सानिध्य में रथयात्रा सम्पन्न हुई।
- सुबह जब रामभरोस काम पर जाने के पहले रोटी खा रहा था, तो उसकी औरत ने उससे पूछा... “ सुनो, जे असली क्रांतिकारी कौन है? ” रामभरोस ने अपने हाथ का कौर रोककर कहा अरे का बात करती हो? दूर लाल देश में लाल किताब में लिखे को जो लाल कोठी में बैठे-बैठे बांचत हैं, वही असली क्रांतिकारी हैंगे, इस पर सुमरती ने मुंह बिचकाया ओर कहा हटो..