लंकिनी sentence in Hindi
pronunciation: [ lenkini ]
"लंकिनी" meaning in Hindi
Examples
- और तुम क्या मेरा जीवन बर्बाद करोगी जब खुद सच को जान कर भी बकवास किये जा रही हो ………. तुमहरा अंत निश्चित है और फिर लंकिनी को पड़ा …………… ये ये और ले और ले ……
- जब सुंदरकांड में वे लंका प्रवेश के समय लंका की सुरक्षा अधिकारी लंकिनी के सामने आते हैं, तो मच्छर के समान छोटा-सा आकार लेकर हनुमानजी लंका में प्रवेश कर रहे होते हैं और लंकनी उन्हें पकड़ लेती है।
- जब सुंदरकांड में वे लंका प्रवेश के समय लंका की सुरक्षा अधिकारी लंकिनी के सामने आते हैं, तो मच्छर के समान छोटा-सा आकार लेकर हनुमानजी लंका में प्रवेश कर रहे होते हैं और लंकनी उन्हें पकड़ लेती है।
- भावार्थ:-हनुमान् जी मच्छड़ के समान (छोटा सा) रूप धारण कर नर रूप से लीला करने वाले भगवान् श्री रामचंद्रजी का स्मरण करके लंका को चले (लंका के द्वार पर) लंकिनी नाम की एक राक्षसी रहती थी।
- मुहावरे का अर्थ क्या है? इज्जत का फालूदा! सच है मर्यादा पुरुषोत्तम और तेजस्वी लोगों ने यह रास्ता क्यों अख्तियार किया-क्या यह सन्देश तो नहीं है की कुलटाओं के साथ ऐसा ही व्यवहार हो! ताड़का के साथ क्या हुआ? लंकिनी और सुरसा? सन्देश स्पष्ट है!
- लल्लोचपो की लंका में सुरसा तथा लंकिनी जैसे किरदार रिपोर्टिंग व एंकरिंग की चकाचौध में कुछ समय के लिए भले ही रंभा और मोहिनी की तरह जी लें, मगर उसके बाद उनकी स्थिति किसी विधवा की मांग की तरह सीधी व सफेद हो जाती है, जिसका कोई वजूद नहीं बचा रह पाता है।
- सबसे पहले मैनाक पर्वत ने उनसे थोड़ा आराम करने को कहा, फिर परीक्षा लेने के लिए सुरसा आई, फिर समुद्र में रहने वाली सिंघिका राक्षसी का वध करना पड़ा, फिर लंका के द्वार पर लंकिनी ने रोका, उसके बाद विभीषण से मुलाकात हुई, तब विभीषण के बताए मार्ग पर चलकर उनको सीता जी के दर्शन हुए।
- राम चरित मानस में वर्णन है कि जब हनुमान जी लंका में लघु रूप धर कर प्रवेश कर रहे थे तब रावण के गढ़ की रक्षा करने वाली लंकिनी ने इन्हें प्रवेश करने से रोका ………. तब हनुमान जी ने लंकिनी को एक मुष्टिका प्रहार से चित्त कर दिया--मुठिका एक महा कपि हनी।
- राम चरित मानस में वर्णन है कि जब हनुमान जी लंका में लघु रूप धर कर प्रवेश कर रहे थे तब रावण के गढ़ की रक्षा करने वाली लंकिनी ने इन्हें प्रवेश करने से रोका ………. तब हनुमान जी ने लंकिनी को एक मुष्टिका प्रहार से चित्त कर दिया--मुठिका एक महा कपि हनी।
- सबसे पहले मैनाक पर्वत ने उनसे थोड़ा आराम करने को कहा, फिर परीक्षा लेने के लिए सुरसा आई, फिर समुद्र में रहने वाली सिंघिका राक्षसी का वध करना पड़ा, फिर लंका के द्वार पर लंकिनी ने रोका, उसके बाद विभीषण से मुलाकात हुई, तब विभीषण के बताए मार्ग पर चलकर उनको सीता जी के दर्शन हुए।