मुनगा sentence in Hindi
pronunciation: [ munegaaa ]
"मुनगा" meaning in Hindi
Examples
- घरों में तालाब बनाकर गौरी, गणेश और शिव-पार्वती की पूजा की जाएगी और हर घर में परसई चावल, दही, मुनगा समेत सात प्रकार के भाजी का भोग लगेगा।
- डॉ. सिंह की उपस्थिति में जिला प्रशासन के अधिकारियों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने राजनांदगांव जिले को मुनगा की पैदावार के मामले में राज्य का अग्रणी जिला बनाने का संकल्प लिया।
- अंत में सभी रिपोर्ट सुनने देखने के बाद यह निर्णय हुआ कि सहजन (मुनगा) को जन-जन तक पहुचने का काम हम सभी मिल कर करेंगे और आयरन कि कमी को पूरा करेंगे.
- टमाटर 30 रुपए किलो, बैंगन 40, पत्तागोभी 40, कद्दू 20, लौकी 20, केला 25, मिर्ची 60, करेला 40, कुंदरू 30, भिंडी 20, तरोई 40, आलू 30, गंवार फल्ली 60 तथा मुनगा 80 रुपए किलो में बिक रहा है।
- हम आदिवासी जब सहजन (मुनगा) का साग खा रहे होते हैं, तो आप जैसे विकसित लोग जब देख लेते हैं तो न्यूज़ बनता है की आदिवासी इतना गरीब है कि घास खा कर जिन्दा रहने पर मजबूर है.
- मुनगा साग में दूध की तुलना में ४ गुना अधिक कैल्सियम, दूध एवं अंडे से 2 गुना अधिक प्रोटीन, गाजर से चार गुना अधिक विटामिन A, संतरे से ७ गुना अधिक विटामिन C, केले से तीन गुना अधिक पोटासियम, पालक से अधिक मात्रा में लोहा, पाया जाता है.
- कुछ ऐसे ही जिद की पूर्ति और उपवास में बना था फलाहार लेकिन जाने की जिद फलाहार क्या परीक्षा की पोटली * पसहर का चावल [बिना हल चलाये जगह का अन्न] * धन मिर्ची [उल्टा फलनेवाली मिर्च] * मुनगा की भाजी धन मिर्ची की छौंक लगी * बेर्रा भाजी [१ २ भाजियों का मिश्रण] * भैंस की दही * भैंस का ही दूध * भैंस का ही घी
- यह एक विषाणु का संक्रमण है जो कि असाध्य तो हरगिज नहीं है तो लीजिये प्रस्तुत है आपकी समस्या का समाधान-१. स्थानीय लेप (local application) के लिये गाय का घी २ ० ग्राम + सहजन (drum stick) या मुनगा के पत्तों की चटनी २ ० ग्राम + गंधक १ ० ग्राम + यशद भस्म ५ ग्राम मिला कर खूब घोंट कर मलहम जैसा बना लीजिये और दिन में कम से कम तीन बार लगाइये।
- हालांकि यह बात भी सही है कि उत्पादन वनमंडल की वनभूमी शहरी लोगो का सागौन साल उगाती है आदिवासियो वन्यप्राणियो और मधुमक्खियों के भोजन स्त्रोत सेमल बेल जामुन आंवला इमली करौंदा जाम आम कटहल गंगाइमली बेर मुनगा महुआ सल्फ़ी चिरईजाम पीपल बरगद नीम पलाश यह सब पौधे उत्पादन वनमंडल के क्षेत्र मे उगाये नही जाते और राष्ट्रीय उद्धानो मे शायद किसी ने रोक लगा रक्खी है कि ना काटो ना लगाओ खैर साहब कहा सुना माफ़ करना फ़ैसला भी सामने आ जायेगा और नतीजा भी
- पेड़-पौधों और प्रकृति के प्रति व्यक्ति के इनहरेंट या अन्तर्निहित खिंचाव को दर्शाती इस संग्रह की एक बड़ी प्यारी कविता है ' किराए का मकान ' जहां मकान और उसके विविध कमरों व किचन आदि की संरचना के बजाय मकान के दायरे में शामिल अमरूदों से लदा पेड़, मोंगरे, रातरानी, रजनीगंधा, मीठा नीम, पुदीना और बारहमासी मुनगा अधिक महत्वपूर्ण हो उठते हैं और तब कवि को महसूस होता है जैसे-'' मुझे लगातार / महसूस हो रहा था / मैं मका नहीं / खुशियां ले रहा हूं किराए पर ''