भैरव प्रसाद गुप्त sentence in Hindi
pronunciation: [ bhairev persaad gaupet ]
Examples
- जून 1954 में ‘ कहानी ‘ पत्रिका के पुनप्र्रकाशन तथा मोहन राकेश, राजेन्द्र यादव, कमलेश्वर, नामवरसिंह, भैरव प्रसाद गुप्त आदि द्वारा कहानी की नयी पहचान रचने की चेष्टा की गई ।
- प्रेमचंद के ज्येष्ठ और कनिष्ठ पुत्र श्रीपत राय और अमृत राय, शैलेष मटियानी, मार्कण्डेय, अशोक बाजपेयी, रमेश बक्षी, धर्मवीर भारती, भैरव प्रसाद गुप्त, चन्द्रभूषण तिवारी मेरे स्मरणीय संपादक थे।
- फिर भैरव प्रसाद गुप्त स्टैनली रोड छोड़ कर आये, शेखर जोशी आये, नरेश मेहता आये, नर्मदेश्वर चतुर्वेदी, दूधनाथ सिंह, नर्मदेश्वर उपाध्याय, प्रसिद्ध चित्रकार सुप्रभात नन्दन, सुरेश सिन्हा आदि प्रभृति साहित्यकार।
- गांव की अच्छाई-बुराई को दिखाता प्रेमचंद, शिवपूजन सहाय, शिवप्रसाद रुद्र, भैरव प्रसाद गुप्त और नागार्जुन के कई उपन्यास हैं जिनमें गांव की संवेदना रची बसी है, लेकिन ये उपन्यास अंचल विशेष की पूरी तस्वीर प्रस्तुत नहीं करते।
- निराला, पंत, महादेवी वर्मा, रामकुमार वर्मा, भैरव प्रसाद गुप्त, प्रकाश चंद्र गुप्त जैसे साहित्यकारों से इसी क्रम में मार्कण्डेय का सहज संपर्क हुआ और इस तरह से मार्कण्डेय के लेखकीय व्यक्तित्व की निर्मिती हुई।
- आशिक बालौत: जो गाँव पर अधिकांश कहानियाँ लिखी जा रही हैं वह बहुत सतही कहानियाँ हैं जैसे अब से पहले प्रेमचन्द, शिव प्रसाद सिंह, भैरव प्रसाद गुप्त, शेखर और नागार्जुन तथा रेणु लिख रहे थे।
- रानंदन पन्त कबीर के पद भगवतीचरण वर्मा सुभद्राकुमारी चौहान चुटकुले जोक्स इक़बाल इब्ने इंशा निराला अज्ञेय तुलसीदास रीतिकाल भैरव प्रसाद गुप्त चन्द्रधर शर्मा गुलेरी कैफ़ी आज़मी तेलानीराम के किस्से पंचतंत्र की कहानियां हिन्दी टूल निर्मल वर्मा चीना / बाल कहानियां कालीन&
- गांव की अच्छाई-बुराई को दिखाता प्रेमचंद, शिवपूजन सहाय, शिवप्रसाद रुद्र, भैरव प्रसाद गुप्त और नागार्जुन के कई उपन्यास हैं जिनमें गांव की संवेदना रची बसी है, लेकिन ये उपन्यास अंचल विशेष की पूरी तस्वीर प्रस्तुत नहीं करते।
- प्रभाव था जिससे अक्सर भेंट होती, काॅफी हाउस में ‘ परिमल ' के पुराने महारथी शाम को इकट्ठा होते, शनिवार को भैरव प्रसाद गुप्त की अध्यक्षता में मार्कण्डेय, शेखर जोशी, अमरकान्त और सतीश जमाली अपनी धूमी रमाते।
- प्रेमचंदोत्तर हिंदी कथा साहित्य के जन-प्रतिबद्ध कथाकारों में भैरव प्रसाद गुप्त [जन्म: 7 जुलाई 1918, सिवानकलाँ, बलिया, उत्तर प्रदेश-निधन: 7 अप्रैल 1995, अलीगढ़, उत्तर प्रदेश] का नाम अविस्मरणीय है.