ब्राह्मण ग्रन्थ sentence in Hindi
pronunciation: [ beraahemn garenth ]
Examples
- एक ऐसे बृहस्पति का तैत्तरीय ब्राह्मण ग्रन्थ में वर्णन मिलता है जो गायत्री देवी के मस्तक पर आघात करता है गायत्री देवी को पद्म पुराण के अनुसार समस्त वेदों का मूल माना गया है।
- ऋषियों के ग्रन्थ जैसे उपनिषद्, दर्शन, ब्राह्मण ग्रन्थ, निरुक्त, निघंटु, सत्यार्थ प्रकाश, भाष्य भूमिका, इत्यादि की सहायता से वेद मन्त्रों पर विचार करके अपने सिद्धांत बनाने चाहियें.
- गोपथ ब्राह्मण ग्रन्थ में उल्लेख है कि जो “ कुश ” के आसन पर पूर्व की ओर मुख कर एक हज़ार बार ॐ रूपी मंत्र का जाप करता है, उसके सब कार्य सिद्ध हो जाते हैं।
- ब्राह्मण ग्रन्थ के जो भाग अरण्य में पठनीय हैं, उन्हें ' आरण्यक ' कहा गया या यों कहें कि वेद का वह भाग, जिसमें यज्ञानुष्ठान-पद्धति, याज्ञिक मन्त्र, पदार्थ एवं फलादि में आध्यात्मिकता का संकेत दिया गया, वे ' आरण्यक ' हैं।
- ब्राह्मण ग्रन्थ के जो भाग अरण्य में पठनीय हैं, उन्हें ' आरण्यक ' कहा गया या यों कहें कि वेद का वह भाग, जिसमें यज्ञानुष्ठान-पद्धति, याज्ञिक मन्त्र, पदार्थ एवं फलादि में आध्यात्मिकता का संकेत दिया गया, वे ' आरण्यक ' हैं।
- इसका समाधान स्वामी दयानंद ने अत्यंत शोध और परिश्रम से निकाला था की उपनिषद्, दर्शन, ब्राह्मण ग्रन्थ, रामायण-महाभारत, पुराण आदि ग्रंथों में जो कुछ भी वेदानुकुल अर्थात वेद संगत हैं वह मानने योग्य हैं और जो भी वेद विपरीत हैं वह न मानने योग्य हैं.
- इन प्रमाणों के अतिरिक्त यह भी उल्लेखनीय है कि स्वयं सोम भी तत्त्वतः प्राण का ही एक रूप है, इसीलिए ब्राह्मण ग्रन्थ ' प्राण: सोम: ' (कौशीतकि ब्राह्मण ९. ६, शतपथ ब्राह्मण ७. ३. १. २) की घोषणा करते हैं ।
- जैसे मूल संहिता और उससे सम्बन्धिात ब्राह्मण ग्रन्थ दोनों ही वेद माने जाते हैं, और जैसे प्राचीन मनु इत्यादिक धार्मशास्त्रा और उससे सम्बध्द आधाुनिक अन्धाकार का ग्रन्थ, दोनों ही स्मृति कहकर गृहीत होते हैं, उसी प्रकार बौध्द साहित्य में पहले त्रिापिटक, उसके उपरांत अर्थ-कथा और तदनन्तर उससे सम्बध्द अपर ग्रन्थ समूह ' पाली ' नाम से प्रसिध्द हुए किन्तु जिन ग्रन्थों के साथ ' पाली ' (त्रिापिटक आदिक) का कोई सम्बन्धा नहीं था, उस समय वे पाली नाम से अभिहित नहीं हुए।