बे-असर sentence in Hindi
pronunciation: [ baser ]
"बे-असर" meaning in English
Examples
- वो आये घर में हमारे ख़ुदा की कुदरत है कभी हम उन को कभी अपने घर को देखते हैं (ग़ालिब) चश्म्-ए-मयगूँ ज़रा इधर कर दे दस्त-ए-कुदरत को बे-असर कर दे (फ़ैज़ अहमद फ़ैज़) जिस्म के ज़िन्दाँ में उम्रें क़ैद कर पाया है कौन.
- इस संबंध में स्थानीय दिग्विजय कॉलेज में पदस्थ जंतु शास्त्र की प्राध्यापक डॉ. श्रीमती अनिता महेश्वरी का मानना है कि इल्लियों के कहर से पौधों को पनपने में थोड़ी परेशानी हो सकती है परन्तु विशालकाय पेड़ों पर इनका प्रकोप बे-असर होता है।
- हमारे हाथ में वही खुली किताब चाहिये! घिरे हैं हम सवाल से हमें जबाब चाहिए! जबाब दर सवाल है कि इन्क़लाब चाहिए! इन्क़लाब! जिंदाबाद! जिंदाबाद! इन्क़लाब! वतन के नाम पर खुशी से जो हुए हैं बे-वतन उन्हीं की आह बे-असर उन्हीं की लाश बे-कफ़न
- तीव्र प्रभाव के लिए पूर्णतः नग्न हो रहे है, आगे चल कर नग्नता के प्रति सम्वेदनाएँ समाप्त हो गई, प्रभाव कुँद हो गया, बे-असर हो गया तो फिर उससे आगे क्या करेँगे? फिर ध्यान खींचने के लिए क्या उपाय शेष रह जाएँगे? इस प्रकार के विवेक को अविचलित रखना आवश्यक है.
- चश्मे-मयगूँ ज़रा इधर कर दे दस्ते-कुदरत को बे-असर कर दे तेज़ है आज दर्द-ए-दिल साक़ी तल्ख़ी-ए-मय को तेज़तर कर दे जोशे-वोशत है तिश्नाकाम अभी चाक-दामन को ताज़िगार कर दे मेरी क़िस्मत से खेलने वाले मुझको क़िस्मत से बेख़बर कर दे लुट रही है मेरी मता-ए-नियाज़ काश वो इस तरफ़ नज़र कर दे ' ' फ़ैज़ '' तक्मीले-आरज़ू मालूम हो सके तो यूँ ही बसर कर दे
- आप की ग़ज़लों की शुरुआत तम्हीद से ही हो जाती है शराफ़त तो है इक कमी आजकल मगर जालसाज़ी, हुनर हो गई वाक़ई यही हालात हैं,शरीफ़ इन्सान बेवक़ूफ़ों की सफ़ में खड़ा नज़र आता है भुला दूँ उसे, जब ये मांगी दुआ न फ़रियाद क्यूँ बे-असर हो गई एक उम्मीद के टूटने का एहसास बड़े ही बा असर तरीक़े से बयान किया गया है ख़ूबसूरत ग़ज़ल के लिये मुबारकबाद क़ुबूल करें
- मेरे इस सवाल को दांतों और होठों के दरम्यान दोहराते हुए, हंस के कहने लगे, “मेरे प्यारे दोस्त, ये तो बड़ा ही रवायती सवाल है, इस सवाल को थोडा आगे बढ़ाते हुए इस में थोडा इज़ाफा और कर लो, 'के क्यों पैदा हुआ'?”मैंने जान बूझ के अपने आपको शांत और उनके जवाब से बे-असर रखते हुए पुछा | “आपकी खुश-मजाज़ी दुरुस्त है, लेकिन साहिर साहब, इस का सहारा लेते हए आप हम गरीब
- मैंने जान बूझ के अपने आपको शांत और उनके जवाब से बे-असर रखते हुए पुछा | “ आपकी खुश-मजाज़ी दुरुस्त है, लेकिन साहिर साहब, इस का सहारा लेते हए आप हम गरीब interview लेने वालों का मज़ाक कैसे उड़ा सकते हो? ” साहिर मन-ही-मन में मुस्कुराते और cigarette का पैकेट मेरी तरफ करते हुए बोले, “ सन १ ९ २ १ में लुधियाने में ” मुझे कुछ तसल्ली हुई और मैंने cigarette के पैकेट से एक cigarette निकालते हुए कहा, “ आपकी तालीम कहाँ से और कहाँ तक हुई है? ”