बिम्बसार sentence in Hindi
pronunciation: [ bimebsaar ]
"बिम्बसार" meaning in Hindi
Examples
- अपने समकालीन नरेशों-काशीराज प्रसेनजित, मगधदेश बिम्बसार और अवांति के दुर्धर्ष स्वामी चंड प्रद्योत की तुलना में वत्स नरेश उदयन का व्यक्तित्व अधिक सलोना, रूमानी, रोमाँचक और कला-प्रेम से ओतप्रोत था।
- बुद्ध के समकालीन राजा बिम्बसार, अजातशत्रु तथा प्रसेनजित ने बौद्ध धर्म के विकास में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया, किन्तु ईसा पूर्व तीसरी सदी में सम्राट अशोक ने इसे विश्वव्यापी बनाने का चमत्कारिक काम किया।
- उसी कुल के राजा महाकोशल ने तब अपनी बेटी कोसल देवी का मगध के राजा बिम्बसार से विवाह कर दहेज के रूप में काशी की वार्षिक आमदनी एक लाख मुद्रा प्रतिवर्ष देना आरंभ किया और इस प्रकार काशी मगध के नियंत्रण में पहुंच गई।
- उसी कुल के राजा महाकोशल ने तब अपनी बेटी कोसल देवी का मगध के राजा बिम्बसार से विवाह कर दहेज के रूप में काशी की वार्षिक आमदनी एक लाख मुद्रा प्रतिवर्ष देना आरंभ किया और इस प्रकार काशी मगध के नियंत्रण में पहुंच गई।
- उसी कुल के राजा महाकोशल ने तब अपनी बेटी कोसल देवी का मगध के राजा बिम्बसार से विवाह कर दहेज के रूप में काशी की वार्षिक आमदनी एक लाख मुद्रा प्रतिवर्ष देना आरंभ किया और इस प्रकार काशी मगध के नियंत्रण में पहुंच गई।
- महात्मा बुद्ध के जीवन में भी यह घटना आती है कि उन्होंने एक मेमने का चीत्कार सुनकर अपने समाधि सुख का त्याग कर दिया और महाराजा बिम्बसार के यज्ञ में जो सहस्रों निरपराध पशुवों की बलि दी जा रही थी, वहीं उपदेश करके उसको सर्वथा निषिद्ध कर दिया ।
- सम्राट बिम्बसार ने चकित होकर बुद्ध से पूछा-“भगवन, एक से बढ़कर एक अनुपम और बहुमूल्य उपहार तो आपने केवल हाथ हिलाकर ही स्वीकार कर लिए लेकिन इस बुढ़िया के जूठे आम को लेने के लिए आप आसन से नीचे उतरकर आ गए! इसमें ऐसी कौन सी विशेषता है?”
- उसी कुल के राजा महाकोशल ने तब अपनी बेटी कोसल देवी का मगध के राजा बिम्बसार से ब्याह कर ‘ चूड़ास्नान ' (दहेज-जेबखर्च) के रूप में काशी की सालाना आमदनी एक लाख हर साल अपनी बेटी-दामाद को देना शुरू कर दिया और इस तरह काशी मगध के हिस्से में जा पड़ी।
- सम्राट बिम्बसार ने चकित होकर बुद्ध से पूछा-“ भगवन, एक से बढ़कर एक अनुपम और बहुमूल्य उपहार तो आपने केवल हाथ हिलाकर ही स्वीकार कर लिए लेकिन इस बुढ़िया के जूठे आम को लेने के लिए आप आसन से नीचे उतरकर आ गए! इसमें ऐसी कौन सी विशेषता है? ”
- रामायणकालीन विदेह साम्राज्य, बुद्ध और महावीर कालीन वैशाली साम्राज्य, ईसा से छह सौ साल पहले सम्राट बिम्बसार की लिच्छवी ससुराल-अगर उत्तर बिहार के इतिहास को खंगाला जाए तो रस टपकाने वाली एक-एक बूंद ऐसी होगी कि क्या तिरहुत क्या मैथिल और क्या वृज्जि, सब एक अनंत सुख में डुबकी लगाते नजर आएंगे।