बन्द हो जाना sentence in Hindi
pronunciation: [ bend ho jaanaa ]
"बन्द हो जाना" meaning in English
Examples
- यदि उन के इसी प्रचार को ‘ सत्य ' माने तो जो कोई भी अहिन्दू धर्म को मानता है या जो हिन्दू अपना धर्म छोड कर इसाई या मुस्लिम परिवर्तित हों जाते हैं उन को आरक्षण का लाभ बन्द हो जाना चाहिये क्यों कि उन्हें तथाकथित ‘
- मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. एच. एस. शर्मा के अनुसार लू-तापघात होने पर सिरदर्द, थकावट, अत्याधिक प्यास लगना, बहुत तेज बुखार, मुंह लाल हो जाना, पसीना बन्द हो जाना और बेहोशी के लक्षण प्रकट होते हैं ।
- गुजर जाना उत्पन्न होना विलुप्त होना असफल होना शुरुआत हिम्मत खो देना बंद होना खत्म हो जाना समाप्त होना फटी आवाज में बोलना निधन होना चोक मरना मानना आकस्मिक मृतु होना स्वर्गवास होना बन्द हो जाना / जवाब दे देना खराब हो जाना मर जाना मंच छोड़ना बेहोश हो जाना पाँसा
- सिर से सम्बंधित लक्षण-रोगी को ऐसा लगना जैसे कि उसका सिर है ही नहीं अथवा सिर का सुन्न हो जाना, सर्दी-जुकाम होने के कारण गले का बन्द हो जाना, चेहरे का गुस्से में लाल हो जाना, बहुत ज्यादा पागलपन होने के साथ कंपन सा होना आदि लक्षणों के आधार पर रोगी को काली ब्रोमैटम औषधि का सेवन कराना लाभदायक रहता है।
- नाक से सम्बंधित लक्षण-किसी व्यक्ति को सर्दी-जुकाम होने के कारण नाक में से पीला और चिपचिपा सा स्राव निकलना, नाक का बन्द हो जाना, नाक के द्वारा किसी तरह की खुशबू या बदबू का पता न चलना, गलग्रन्थि (गले की ग्रन्थि) का आप्रेशन करवाने के बाद सांस का मुंह से आना, सोते समय खर्राटे लेना आदि लक्षणों का प्रकट होना जैसे लक्षणों के आधार पर काली सल्फ्यूरिकम औषधि लेना लाभकारी रहता है।
- आंखों से सम्बंधित लक्षण: आंखों की पुतलियों का फैल जाना, आंखों में से हर समय आंसू से निकलते रहना, रोशनी में आते ही आंखों का बन्द हो जाना, आंखों से धुंधला सा दिखाई देना, आंखों में जख्म सा होना, पलकों में सूजन आना, आंखों के सफेद भाग मे कंठमाला धातु के कारण जलन होना जिसमे पीब भरे दाने हो जाते है आदि लक्षणों में रोगी को कल्केरिया कार्बोनिका-ओस्टरियेरम औषधि का सेवन कराने से लाभ होता है।
- सांस की नली में सूजन आ जाना, दम सा घुटता हुआ महसूस होना, दमा रोग होने के साथ-साथ बहुत ज्यादा मात्रा में चिपचिपा सा बलगम निकलना, सोते ही सांस का बन्द हो जाना, रात को सोते समय अचानक चौंक कर उठ बैठना, लेटे-लेटे सांस लेने में परेशानी होना, काली खांसी होने के साथ-साथ बहुत ज्यादा मात्रा में बलगम का निकलना, सांस की नलियों से सख्त तथा सफेद रंग का बलगम सा निकलना, दिल का कमजोर हो जाना आदि लक्षणों में रोगी को ग्रिण्डेलिया औषधि का सेवन कराने से लाभ मिलता है।