फल्गू नदी sentence in Hindi
pronunciation: [ felgau nedi ]
"फल्गू नदी" meaning in Hindi
Examples
- स्थानीय लोगों के लिए फल्गू नदी का सिर्फ धार्मिक ही नहीं, सामाजिक, आर्थिक, कृषि, सिंचाई एवं पर्यावरण आदि की दृष्टि से भी काफी महत्व है लेकिन हाल के कुछ वर्षों से फल्गू नदी की ज़मीन पर धड़ल्ले से अतिक्रमण किया जा रहा है।
- स्थानीय लोगों के लिए फल्गू नदी का सिर्फ धार्मिक ही नहीं, सामाजिक, आर्थिक, कृषि, सिंचाई एवं पर्यावरण आदि की दृष्टि से भी काफी महत्व है लेकिन हाल के कुछ वर्षों से फल्गू नदी की ज़मीन पर धड़ल्ले से अतिक्रमण किया जा रहा है।
- श्री कुमार ने गया-मानपुर के बीच फल्गू नदी पर 64. 51 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले राज्य के पहले छह लेन उच्चस्तरीय पुल का शिलान्यास करने के बाद एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता राज्य का सर्वांगीण विकास है।
- कुपित सीता ने श्राप दिया कि गया के ब्राह्मणों को दान से कभी भी संतुष्टि न हो और फल्गू सूख जायं-यह कथा निश्चित ही फल्गू नदी की मौसमी स्थिति और गया के पण्डे-ब्राह्मणों की लालच को लक्ष्य कर किसी मनीषी ने गढ़ी होगी...
- यही कारण है कि गाय को आज भी जूठा खाना पडता है, केतकी के फूल को पूजा पाठ में वर्जित रखा गया है और फल्गू नदी के तट पर सीताकुंड में पानी के अभाव में आज भी सिर्फ बालू या रेत से पिंडदान दिया जाता है....
- बगल ही फल्गू नदी बह रही थीं जहाँ जाकर पिंडों का अंतिम अर्पण-निस्तारण किया जाता है. फल्गू बरसात में तो उफनाई हुयी दिखीं मगर शेष माहों में खासकर गर्मी में तो पूरी तरह अन्तः सलिला हो जाती हैं....कहते हैं कभी राम लक्ष्मण और सीता भी यहाँ राजा दशरथ के तर्पण (तृप्ति) के लिए पिंड दान देने आये थे..
- कैबिनेट ने कोसी पूर्वी एव पश्चिमी तटबंधों को ऊंचा और उसे मजबूत करने तथा उसपर अलकतरा की सड़क बनाने को 340 करोड़, मधुबनी के भूतही बलान नदी के दांए तटबंध को मजबूत करने के लिए 37 करोड़, जहानाबाद के घोषी प्रखंड में फल्गू नदी पर मंडई बीयर निर्माण के लिए 89 करोड़ और पटना बाईपास के फोरलेनिंग को115 करोड़ की राशि की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की।
- थोडी देर में राम और लक्ष्मण लौटे तो सीता जी ने कहा कि समय निकल जाने के कारण, मैंने स्वयं पिंडदान कर दिया है, बिना सामग्री के पिंडदान कैसे हो सकता है, इसके लिए राम ने सीता से प्रमाण मांगा तब सीता जी ने कहा कि यह फल्गू नदी की रेत, केतकी के फूल, गाय और वटवृक्ष मेरे द्वारा किए गए श्राद्धकर्म की गवाही दे सकते हैं....
- वनवास के दौरान भगवान राम, लक्ष्मण और सीता पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध करने के लिए गया धाम पहुंचे, वहां श्राद्ध कर्म के लिए, आवश्यक सामग्री जुटाने के लिये, राम और लक्ष्मण नगर की ओर चल गए, जब दोपहर हो गई, पिंडदान का समय निकलता जा रहा था और सीता जी की व्यग्रता बढती जा रही थी, तभी दशरथ की आत्मा ने पिंडदान की मांग कर दी.... गया के फल्गू नदी पर अकेली सीता जी असमंजस में पड गई....