परिणामवाद sentence in Hindi
pronunciation: [ perinaamevaad ]
Examples
- आरंभवाद में कार्य कारण पृथक् हैं, परिणामवाद में उनमें तात्विक भेद न होते हुए भी अव्यक्त-व्यक्त-अवस्था का भेद माना जाता है, परंतु विवर्तवाद में न तो उनमें तात्विक भेद है और न अवस्था का।
- आरंभवाद में कार्य कारण पृथक् हैं, परिणामवाद में उनमें तात्विक भेद न होते हुए भी अव्यक्त-व्यक्त-अवस्था का भेद माना जाता है, परंतु विवर्तवाद में न तो उनमें तात्विक भेद है और न अवस्था का।
- आरंभवाद में कार्य कारण पृथक् हैं, परिणामवाद में उनमें तात्विक भेद न होते हुए भी अव्यक्त-व्यक्त-अवस्था का भेद माना जाता है, परंतु विवर्तवाद में न तो उनमें तात्विक भेद है और न अवस्था का।
- यदि कारण नित्य है तो वह त्रिकाल में नित्य होगा, फिर कारण से कार्य की उत्पत्ति कैसे हो सकेगी? यदि वस्तु नित्य है तो उसका आरंभ कैसे होगा? न तो परिणामवाद और न आरंभवाद इसका उत्तर दे सकता है।
- हमने पहले यह कहा है कि गौतम और कणाद तथा अर्वाचीन दार्शनिक डाल्टन के परमाणुवाद और तन्मूलक आरंभवाद की जगह सांख्य, योग एवं वेदांत तथा अर्वाचीन दार्शनिक डारविन की तरह गीता भी गुणवान तथा तन्मूलक परिणामवाद या विकासवाद को ही मानती है।
- सांख्य दर्शन का प्रस्थानहै प्रधानवाद अथवापरिणामवाद अर्थात कार्थ की वास्तविकता, इसके विपरीत अद्वैतवेदांतके अंतर्गत विवर्तवाद को स्वीकार किया गया है, जिसकी अभिप्रायहैपरिणाम का अथवा कार्य का मिथ्यात्व सांख्य दर्शन के पुरुष कोशुद्ध चेतनस्वरुप स्वीकार कर लेने पर शंकर को इस दर्शन से आपत्तिनहीं थी, लेकिन इसपुरुष के साथ परिणामवाद और पुरुष की अनेकता केलिए अद्वैत वेदांत में कोईस्थान नहीं था.
- उनका काम राजनीतिक सिद्धांतों, राजनीतिक दर्शन में समानता और अमेरिकी कानून, नस्लीय भेदभाव, बाजार की नैतिक सीमा, मूल्य के सिद्धांत और उचित चयन (परिणामवाद और उचित चयन के आर्थिक सिद्धांतों के विकल्प), जॉन स्टुअर्ट मिल और जॉन ड्यूवी के दर्शन, नारीवादी ज्ञानमीमांसा (feminist epistemology) और विज्ञान के दर्शनशास्त्र पर केंद्रित रहा है।
- इस विवेचन में जिन मतों का खंडन मिलता है, उसमें चार्वाकों का देहात्मक, सांख्यों का परिणामवाद, अभावकारणवाद [9], ईश्वर कारणवाद ' सब कुछ अनित्य है ' अभ्युपगम [10], ' सब कुछ नित्य है ' यह अभ्युपगम, जो ब्रह्मवाद के नजदीक आता है, ' सब कुछ पृथक है ' यह अभ्युपगम, जो ' सब कुछ स्वलक्षण है ' इस बौद्धमत से सामर्थ्य रखता है, इत्यादि बहुत से सिद्धांत हैं।