नेकी से sentence in Hindi
pronunciation: [ neki s ]
"नेकी से" meaning in English
Examples
- नेकी कर कुएँ में डाल जब हमें यह पढ़ाया गया हम धड़-धड़ नेकी करने लगे आस-पास के कुओं को नेकी से भरने लगे धीरे-धीरे सारे कुएँ भर गए लोगों ने नए कुएँ खुदवाने बंद करवा दिए नल लगवा लिए नेकी करने से अब हरेक आदमी इसलिए जी चुरा लेगा क्योंकि अगर उसने नेकी कर भी दी तो उसे फिर कुएँ में डालेगा!
- इस लिये कि ऐसा करने से नेकों को नेकी से बे रग़बत करना और बदों को बदी पर पूरा एतिमाद (भरोसा) उसी वक्त करना चाहिये जब कि वह उन से हुस्ने सुलूक (सदव्यवहार) करता है, और उन पर बोझ न लादे, और उन्हें ऐसा ना गवार चीज़ों पर मजबूर न करे जो उन के बस में न हों।
- अपनों पर ही घात करने या बेबात अड़ने वालों के पीछे पुष्ट होती हडि्डयां जिस नेकी से उसे भेड़िये ने तो नहीं गाड़ा खोद कर ज़मीन में गूंगे-कायर होने का प्रशिक्षण देने नहीं आया विशेषज्ञ सियार रंग बदलने वालों की देह में क्या छिपकर बैठा था गिरगिट या केंचुआ उनकी आत्मा में जो नहीं खड़े हो पाए कहने को ` नहीं ' तनकर उल्टी ही तो बह रही गंगा
- एक दूसरा व्यक्ति है जिसकी निगाह कर्मों के अन्तिम नतीजे पर है, वह सांसारिक लाभ और हानि को केवल अस्थायी और क्षणिक वस्तु समझेगा और आख़िरत के शाश्वत और स्थायी लाभ या हानि का ध्यान रखते हुए भलाई और नेकी को अपनाएगा और बुराई को छोड़ देगा, भले ही इस संसार में भलाई और नेकी से कितनी ही बड़ी हानि और बुराई से कितना ही बड़ा लाभ होता हो।
- फिर सस्मित, आह्लादित स्वर में जलालुद्दीन मोहम्मद रुमी की कविता सुनाती लीना ने पूरे माहौल में शादी के शादमानें खिला दिए, '' मेहर बरसे इस शादी पर, खुद हँसने और हँसाने की हर रोज़ दुआएँ जन्नत दे, नेकी से नाम कमाने की! जो फल भी दे और साया भी, ऐसा खजूर हो यह शादी, रहमत लुटाएँ और खुशियों का बढ़ता सरूर हो यह शादी! ''
- और दो काफ़िर दोस्तों में से जब एक मर जाता है तो दुआ करता है यारब फ़लाँ मुझे तेरी और तेरे रसूल की फ़रमाँबरदारी से मना करता था और बुराई का हुक्म देता था नेकी से रोकता था और ख़बर देता था कि मुझे तेरे समक्ष हाज़िर नहीं होना है तो अल्लाह तआला फ़रमाता है कि तुम में से हर एक दूसरे की तारीफ़ करे तो उनमें से एक दूसरे को कहता है बुरा भाई बुरा दोस्त बुरा साथी.
- अपने पराये का भेद कहाँ नेकी से न कोई वास्ता पर करते नेकी नेक यहाँ साहूकारों की खिलती बांछे जिनका मुझ पर दावँ लगा मेरी जीत में जीते हैं वो आते पाते जाते आस जगा जिनसे नफरत सदा रही वो द्वार बंधे यमदूतों से कब किसकी आई लें चलें हम जियें मरें यूँ भूतों से राजीव क्यूँ चाहे कुछ करना जब भरने का अवसर आया तकदीर ने खोले सब ताले भर, खाली बोरे,माणिक माया आज हम आज़ाद हैं आज हम आज़ाद बापू आज हम आज़ाद हैं