धर्म सूत्र sentence in Hindi
pronunciation: [ dherm suter ]
Examples
- 25 शांख्यायन धर्म सूत्र के अनुसार उपनयन संस्कार के समय ब्रह्मचारी को सर्वप्रथम अपनी माता से भिक्षा मांगने का विधान है, इससे माता का पिता से अधिक अधिकार एवं उत्कर्ष सिद्ध होता है।
- दुर्भाग्य से इन शब्दों का प्रयोग धर्म सूत्र में बहुत सीमित है और कहीं भी यह नहीं बताया गया है कि इन शब्दों अन्तर्गत कौन कौन सी जातियां आती हैं? स्मृतियों में बताया है।
- दुर्भाग्य से इन शब्दों का प्रयोग धर्म सूत्र में बहुत सीमित है और कहीं भी यह नहीं बताया गया है कि इन शब्दों अन्तर्गत कौन कौन सी जातियां आती हैं? स्मृतियों में बताया है।
- ‘गव्येन दत्तं श्राद्धे...‘ को समझना आपके लिए इतना कठिन क्यों हो रहा है भाई? जबकि आपस्तंब धर्म सूत्र का उद्धरण उसके साथ बता रहा है कि श्राद्ध में किस किस पशु का मांस दिया जाता था।
- पेज 31 पर उन्होने लिखा है कि सामान्य रूप मे धर्म सूत्र भारतीय कानून के सर्वाधिक पुराने स्त्रोत है और वेदो से काफी नजदीक से जुड़े है जिसका वे उल्लेख करते है और जिन्हे धर्म का सर्वोच्च स्त्रोत स्थान हासिल है।
- 3. ‘ गव्येन दत्तं श्राद्धे... ‘ को समझना आपके लिए इतना कठिन क्यों हो रहा है भाई? जबकि आपस्तंब धर्म सूत्र का उद्धरण उसके साथ बता रहा है कि श्राद्ध में किस किस पशु का मांस दिया जाता था।
- कल्पसूत्रों को चार भागों में विभाजित किया गया-श्रौत सूत्र जिनका संबंध महायज्ञों से था, गृह्य सूत्र जो गृह संस्कारों पर प्रकाश डालते थे, धर्म सूत्र जिनका संबंध धर्म तथा धार्मिक नियमों से था, शुल्व सूत्र जो यज्ञ, हवन-कुण्ठ बेदी, नाम आदि से संबंधित थे।
- कल्पसूत्रों को चार भागों में विभाजित किया गया-श्रौत सूत्र जिनका संबंध महायज्ञों से था, गृह्य सूत्र जो गृह संस्कारों पर प्रकाश डालते थे, धर्म सूत्र जिनका संबंध धर्म तथा धार्मिक नियमों से था, शुल्व सूत्र जो यज्ञ, हवन-कुण्ठ बेदी, नाम आदि से संबंधित थे।
- समय मयूख प्रष्ट 104 से 116 ; स्मृति कौस्तुम प्रष्ट-270-271 के अलावा विष्णु धर्म सूत्र, कृत्यरत्नाकर, प्रष्ट-430-431 ; काल विवेक-प्रष्ट-346-347 ; और हेमाद्री के काल खंड के प्रष्ट-640 पर पौर्णमासी कृत्यों का विशेष उल्लेख है |
- कल्पसूत्रों को चार भागों में विभाजित किया गया-श्रौत सूत्र जिनका संबंध महायज्ञों से था, गृह्य सूत्र जो गृह संस्कारों पर प्रकाश डालते थे, धर्म सूत्र जिनका संबंध धर्म तथा धार्मिक नियमों से था, शुल्व सूत्र जो यज्ञ, हवन-कुण्ठ बेदी, नाम आदि से संबंधित थे।