दूब घास sentence in Hindi
pronunciation: [ dub ghaas ]
Examples
- त-हरेला पर्व आपके लिये शुभ हो, जीते रहो, आप हमेशा सजग रहो, पृथ्वी के समान र्धर्यवान बनो, आकाश के समान विशाल होओ, सिंह के समान बलशाली बनो, सियार के जैसे कुशाग्र बुद्धि वाले बनो, दूब घास के समान खूब फैलो और इतने दीघा
- तने का ऐसा भी रूपांतर कई पौधों में पाया जाता है, जिसका कुछ भाग भूमि के नीचे और कुछ भाग भूमि के ऊपर रहते हुए विशेष कार्य करता है, जैसे दूब घास में तने उर्पार भूस्तारी (runner) के रूप पृथ्वी पर पड़े रहते हैं और उनकी पर्वसंधि (node) से जड़ मिट्टी में घुस जाती है।
- दूब घास (Cynodon dactylon) के पंचाग (फल, फूल, जड़, तना, पत्ती) तथा कनेर के पत्तोँ को पीस कर कपड़े मेँ रखकर रस निकालेँ और सिर के गंजे स्थान पर लगायेँ तो सिर्फ 15 दिनोँ मेँ ही उस स्थान पर नये बाल दिखाई देने शुरू हो जाते हैँ।
- और यह तभी सम्भव है जब हमारी कविता की जड़ें यथार्थ में हों । ": रधुवीर सहाय:खिंचा चला जाता है दिन का सोने का रथऊँची-नीची भूमि पार करअब दिन डूब रहा है जैसेकोई अपनी बीती बातें भुला रहा हो,परती पर की दूब घास में अरज-अरझ करउजले-उजले अनबोये खेतों से हो करधूप अनमनी-सी वापस लौटी जाती है।
- खाये अर्थात-हरेला पर्व आपके लिये शुभ हो, जीते रहो, आप हमेशा सजग रहो, पृथ्वी के समान र्धर्यवान बनो, आकाश के समान विशाल होओ, सिंह के समान बलशाली बनो, सियार के जैसे कुशाग्र बुद्धि वाले बनो, दूब घास के समान खूब फैलो और इतने दीघायु होओ कि दंतहीन होने के कारण तुम्हे सिल में पिसा भात खाने को मिले।
- तने का ऐसा भी रूपांतर कई पौधों में पाया जाता है, जिसका कुछ भाग भूमि के नीचे और कुछ भाग भूमि के ऊपर रहते हुए विशेष कार्य करता है, जैसे दूब घास में तने उर्पार भूस्तारी (runner) के रूप पृथ्वी पर पड़े रहते हैं और उनकी पर्वसंधि (node) से जड़ मिट्टी में घुस जाती है।
- और यह तभी सम्भव है जब हमारी कविता की जड़ें यथार्थ में हों ।”: रधुवीर सहाय: खिंचा चला जाता है दिन का सोने का रथ ऊँची-नीची भूमि पार कर अब दिन डूब रहा है जैसे कोई अपनी बीती बातें भुला रहा हो, परती पर की दूब घास में अरज-अरझ कर उजले-उजले अनबोये खेतों से हो कर धूप अनमनी-सी वापस लौटी जाती है।
- इस संस्थान के शोध वैज्ञानिकों के अनुसार, गेहूं के ताजे जवारों (गेहूं के हरे नवांकुरों) के साथ थोड़ी सी हरी दूब और चार-पांच काली मिर्च को पीसकर उसका रस निकालकर पिया जाए तो इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है | यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि दूब घास सदैव स्वच्छ स्थानों जैसे खेत, बाग-बगीचों से ही लेना चाहिए |
- जंगल किनारे सीधा सा रास्ता, बीच-बीच में पानी के बहाव से बने गड्ढे, पगडंडी भर में दिखती मिट्टी, पीली चिकनी मिट्टी, कहीं-कहीं बलुवा मिट्टी, रास्ते के दोनों तरपफ दूब घास, जंगल में छोटे बड़े पेड़ साल, जामून, ढाक, मयालु (जंगली नाशपाती) रेंडी, तारचरबी, कहीं-कहीं तुन और शीशम करोदे बवेर की झाड़िया, कडी पत्ता और ऐसे ही अनेक प्रकार के पेड़ पौध्ो फूल झाड़ (लन्टेना) के इक्के दु्क्के पौधे ही दिखते थे।