तन सिंह sentence in Hindi
pronunciation: [ ten sinh ]
Examples
- तन सिंह जी की लेखन की अपनी अलग शैली हुआ करती थी मै कल ही वो लेख टाइप करने की सोच रहा था और आज उस लेख से भी ज्यादा जानकारी मिल गई |
- श्री तन सिंह जी एक शिक्षण शिविर के सिलसिले में अपने जीवन में पहली बार चितौड़ गए और वहां उन्होंने चितौड़ दुर्ग देखा | लेकिन चितौड़ दुर्ग देखने के दो महीने बाद तक...
- पुस्तक में छपे पांच लेखों में से वैरागी चितौड़ ज्ञान दर्पण पर व चेतक की समाधि से व क्षिप्रा के तीर स्व. श्री तन सिंह जी के नाम वाले ब्लॉग पर पढ़े जा सकते है |
- वो दौर पैसो का खेल ना था, चुनावो में जो खर्च होता वो आज के उम्मीदवार एक दिन में खर्च करते हें, तन सिंह जी ने संसदीय चुनाव मात्र आठ हज़ार रुपये के खर्चे से जीता था।
- जोधपुर (25जनवरी) श्री क्षत्रिय युवक संघ के संस्थापक स्व.पु.श्री तन सिंह जी की जयंती बासनी स्थित जय भवानी नगर में मनाई गई | कार्यकर्म में उनके जीवन से प्रेरणा लेने का आव्हान किया गया इस अवसर पर आयोजित समारोह में बोलते हुए क्षत्रिय युवक संघ के प्रान्त...
- जोधपुर (25जनवरी) श्री क्षत्रिय युवक संघ के संस्थापक स्व.पु.श्री तन सिंह जी की जयंती बासनी स्थित जय भवानी नगर में मनाई गई | कार्यकर्म में उनके जीवन से प्रेरणा लेने का आव्हान किया गया इस अवसर पर आयोजित समारोह में बोलते हुए क्षत्रिय युवक संघ के प्रान्त
- श्री तन सिंह जी उस कसक और वेदना से मुक्त नहीं हो सके जो दुर्ग के प्रत्येक पत्थर और स्मारक में कसमसा कर मूक हो गयी | कलम का सहारा लेकर उन्होंने उन भावनाओं को वैरागी चितौड़ शीर्षक देकर भाषा के बन्धनों में जकड कर मुक्ति की सांस ली | खुद स्व.
- श्री तन सिंह जी की पुस्तक “ झंकार ”में पढ़ी तो समझ आया कि ऐसी लेखनी तो उन्ही की हो सकती है | ये प्रार्थना मानसपटल पर इतनी बैठ चुकी कि कभी भी मन इसे गुनगुनाने लगता है | भृगु आश्रम, आबू शिखर में ३ जून १९६० में इस रचना की रचना करने के लिए स्व.
- इस बार कांग्रेस राजपूतो को कांग्रेस के साथ जोड़ने की निति के चलते उन्हें प्राथमिकता दे सकती हें, पृथ्वी सिंह की दावेदारी से कांग्रेस को बाड़मेर जिले के साथ साथ पाली, जोधपुर, सिरोही और जालोर में राजपूत मतों का फायदा होगा जन्हा तन सिंह जी घर घर पूजे जाते हें, सिवान विधान सभा क्षेत्र गत चुनावो में आरक्षित से सामान्य हुआ था.
- तन सिंह जी को ज्यादातर लोग एक विधायक, सांसद के तौर पर ही जानते है उन्हें लेखक के तौर पर नहीं, इसीलिए उनकी लेखनी से रूबरू कराने के उद्देश्य से उनकी रचनाएँ जो क्षत्रिय युवक संघ द्वारा प्रकाशित उनकी पुस्तकों से साभार लेकर यहाँ प्रस्तुत करने की कोशिश कर रहा हूँ ताकि अंतरजाल के माध्यम से श्री तन सिंह जी की विचारधारा व लेखनी जन-जन तक पहुँच सके |