जिन्द sentence in Hindi
pronunciation: [ jined ]
Examples
- देवल उन्हें मना कर देती है और उन्हें बताती है कि इस घोडी को जिन्द राव खींची ने डोरा बांधा है और मेरी गायो के अपहरण कि धमकी भी दी हुइ है ।
- हिंदी में इसी शब्द को कई लोग बोली के तौर पर जिन्द भी कहते हैं जो कि पंजाबी में भी > जिंदयानि आत्मा के भाव में प्रयुक्त होने वाला शब्द है अब अनूप मंडल के लोग क्या कहते हैं वो उनका विषय है।
- देखना एक जिन्द उड़ती चिड़िया भी ऊंची खिड़की से फेंक दिया किसी ने मरी हुई चिड़िया का भ्रम कचरे की टोकरी से फेंका हुआ मरा वातावरण मर गया एक बैल जोड़ी की तरह एक मुश्त रायपुर और बिलासपुर इसे महाकौशल कहूं या छत्तीसगढ़!!
- खैर जैसे-तैसे सब कुछ निकल गया और भटकते-भटकते एक रिश्तेदार के सम्पर्क में आया, वह मुझे सामने देखते ही ऐसे घबराया मानो उसने किसी जिन्द को देख लिया हो, उसने झटपट मुझे अन्दर छिपा दिया और वहीं पर मेरे खाने-पीने की व्यवस्था कर दी।
- सालासर धाम में जिला जिन्द सालासर धर्मार्थ ट्रस्ट सालासर के सौजन्य से नवनिर्मित चमेलीदेवी अग्रवाल सेवा सदन का लोकार्पण शनिवार को जूनापीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरीजी महाराज, अग्रवाल ग्रुप के चैयरमैन विनोद अग्रवाल, उनकी धर्मपत्नी नीना अग्रवाल, पुरूषोत्तम अग्रवाल, संजय अग्रवाल, देवराज अग्रवाल के अतिथ्य में हुआ।
- ये जो दस करोड है जहर का निचोड है इनकी फिक्र सो गयी हर उम्मी्द की किरण जुल्म्तों में खो गयी ये खबर दरूस्तत है इनकी मौत हो गयी बेशउर लोग हैं जिन्द गी का रोग है और तेरे पास है इनके दर्द की दवा मैंने उससे..
- जान गवाईं है, नच नच कोयलों पे रात बिताई है,अंखियों कि नींद मैने फूंको से उडा दी,नीले तारे से मैने उंगली जलायी है,आजा आजा जिन्द शामियाने के तलेआज जरीवाले नीले आसमान के तले,जय हो,जय हो,२ जय हो, जय हो,चख ले, हां चख ले, ये रात शहद है..
- वैसे यह काम उसने खुद तो नहीं किया था पर उसे पापा पर पूरा भरोसा है-जब एक जिन्द छोटे से लैम्प में आ सकता है तो मा घड़े में क्यों नहीं आ सकती और उसे यह भी पता है कि अल्लादीन के उस जादूई चिराग जैसे वह भी एक दिन अपनी मां को ढूंढ ही लेगा।
- वह इमारतें जो हमारे पिछले बड़प्पन की जिन्द निशानियॉँ हैं, वह यादगारें जो हमारे बुजुर्गों की देन हैं, जो हमारे कारनामों के इतिहास, हमारे कमालों का ख़जाना और हमारी मेहनतों की रोशन गवाहियां हैं, जिनकी सजावट और खूबी को दुनिया की क़ौमें स्पर्द्धा की आंखों से देखती हैं वह अर्द्ध-बर्बर, असभ्य लश्करियों का पड़ाव बनेंगी और उनके तबाही के जोश का शिकार।
- वह इमारतें जो हमारे पिछले बड़प्पन की जिन्द निशानियॉँ हैं, वह यादगारें जो हमारे बुजुर्गों की देन हैं, जो हमारे कारनामों के इतिहास, हमारे कमालों का ख़जाना और हमारी मेहनतों की रोशन गवाहियां हैं, जिनकी सजावट और खूबी को दुनिया की क़ौमें स्पर्द्धा की आंखों से देखती हैं वह अर्द्ध-बर्बर, असभ्य लश्करियों का पड़ाव बनेंगी और उनके तबाही के जोश का शिकार।