जयमाला कार्यक्रम sentence in Hindi
pronunciation: [ jeymaalaa kaareykerm ]
Examples
- इससे पता चला कि मधुप जी अब तक सौ से भी अधिक फ़िल्मों में अभिनय कर चुके हैं तथा उन्होंने लता मंगेशकर और दिलीप कुमार जैसे कालजयी कलाकारों के साथ रेडियो पर फ़ौजी भाईयों के लिए जयमाला कार्यक्रम भी पेश किया।
- बरसों पहले फ़ौजी भा इयों से विविध भारती के जयमाला कार्यक्रम में मुख़ातिब तलत महमूद ने इस गीत के बारे में कहा था-” मैं और कुछ चुनिंदा कलाकार एक बार सिक्किम गये हुए थे आप फ़ौजी भा इयों का मनोरंजन करने।
- १९६८ में रिकार्ड किए हुए दादामुनि द्वारा प्रस्तुत विविध भारती के जयमाला कार्यक्रम में उन्होने कहा था कि इस फ़िल्म में उन्होने एक बदसूरत गायक की भूमिका अदा की थी और इस गीत पर अभिनय करते समय उनकी आँखों में सचमुच के आँसू आ गए थे।
- आज हम गुलज़ार साहब द्वारा प्रस्तुत विशेष जयमाला कार्यक्रम का एक शुरुआती अंश पेश कर रहे हैं जिसमें गुलज़ार साहब फ़ौजी भाइयों से मुख़ातिब कुछ दिल की बातें शेयर कर रहे हैं, और जिन्हे पढ़ते हुए आपको अंदाज़ा होता रहेगा गुलज़ार साहब के वर्सेटायलिटी का।
- राज कपूर, मुकेश, शैलेन्द्र और शंकर-जयकिशन की टीम के इस सदाबहार गीत को सुनने से पहले पेश है मुकेश के बेटे नितिन मुकेश के कुछ शब्द अपने पिता के बारे में जो उन्होने कहे थे मुकेश को श्रद्धांजली स्वरूप विशेष जयमाला कार्यक्रम में विविध भारती पर।
- विविध भारती के जयमाला कार्यक्रम में फ़ौजी जवानों को सम्बोधित करते हुए शमशाद बेगम नें बरसों बरस पहले अपनी दास्तान कुछ यूं शुरु की थीं-” देश के रखवालों, आप सब को मेरी दुआएँ! मेरे लिए गाना तो आसान है, पर बोलना बहुत मुश्किल।
- १ ९ ६ ८ में रिकार्ड किए हुए दादामुनि द्वारा प्रस्तुत विविध भारती के जयमाला कार्यक्रम में उन्होने कहा था कि इस फ़िल्म में उन्होने एक बदसूरत गायक की भूमिका अदा की थी और इस गीत पर अभिनय करते समय उनकी आँखों में सचमुच के आँसू आ गए थे।
- आइए इस क़व्वाली के ज़िक्र को आगे बढ़ाने से पहले जान लेते हैं कि आशा जी ने अपने जीवन साथी पंचम से पहली मुलाक़ात का विविध भारती के जयमाला कार्यक्रम में किस तरह से ज़िक्र किया था-“यह बहुत पुरानी बात है, फ़िल्म 'अरमान' में एस. डी. बर्मन, यानी दादा के लिए मैं गा रही थी।
- इससे पहले कि आप ग़ज़ल सुने, ज़रा पढिये तो सही कि नौशाद साहब ने विविध भारती के जयमाला कार्यक्रम में इन दो ग़ज़लों के बारे में क्या कहा था-“मैने एक बार 'रेडियो' सुन रहा था, उसमें बहुत ही दिलकश ग़ज़ल आ रही थी, फिल्म थी अनपढ़, ग़ज़ल के बोल थे ”है इसी में प्यार की आबरू”.
- आज क्यूंकि सुरैय्या और सज्जाद हुसैन दोनो का ज़िक्र चला है तो क्यों ना गीत सुनने से पहले आप यह भी जान लें कि सुरैय्या ने १९७१ में रिकार्ड की हुई विविध भारती के जयमाला कार्यक्रम में सज्जाद साहब के बारे में क्या कहा था! “संगीतकार सज्जाद हुसैन के तर्ज़ पर पहली बार मैने फ़िल्म '1857' में गाया था।