गुलाब का पौधा sentence in Hindi
pronunciation: [ gaulaab kaa paudhaa ]
"गुलाब का पौधा" meaning in English
Examples
- मैं खुश था या नहीं, मैं नहीं जानता लेकिन पास में रखे गमले में लगा गुलाब का पौधा मुस्करा रहा था और अपनी खुशी से लहरा रहा था।
- उन पौधों में से मेने एक पौधा दुसरे गमले में लगा दिया था और एक पौधा उस गमले में लगा दिया जिसमे पहले से गुलाब का पौधा लगा था।
- एक तरफ तमाम सुविधाओं से भरपूर इस्पात नगरी, मानो एक गमले में सुंदर सा गुलाब का पौधा है, वहीं दूसरी तरफ घोर दरिद्रता के अंधकार में डूबे हुए गांव।
- 2. मंगलवार को घर में गुलाब का पौधा लगाना तथा 108 दिन तक रात को तांबे के बर्तन में पानी सिरहाने रखें और सुबह इस पानी को घर में गुलाब के पौधे को डालें।
- और हैरान हो गये, रखा हुआ है एक पौधा-गुलाब का पौधा रखा हुआ है, उसकी शाखाओं से तार बंधे हुए हैं बिजली के जो यंत्र को खबर देते हैं कि पौधे में क्या हो रहा है ;
- जो नारी अपने बच्चों से दूर हो स्वयं के मनोरंजन को प्राथमिकता देने लगी है वह भूल रही है कि आम के वृक्ष की पहचान उसके फलों से है गुलाब का पौधा अपने फूल के कारण ही आकर्षित करता है.
- आप अगर गुलाब के पौधे से डाली का टुकड़ा ले कर जमीं में गद देंगे तो दूसरा गुलाब का पौधा बने गा! अब इस पौधे में आप देखेंगे की वोही पुराने वाली डाली तो है ही!!अब मनो की वो पुराना पौधा नष्ट हो गया! मर गया!!
- पिछले महीने मैं अपने मास्टर गाइड के साथ एक सत्र में था और वे मुझे इस जनजाति के साथ एक अतीत जीवन भर था कि मुझे बताया था, और हम गुलाब का पौधा नेब्रास्का में रहते थे, और हम माँ पृथ्वी में मदद करने के रूप में परिवर्तित करने के लिए एक जनजाति के रूप में एक निर्णय लिया था कि कि, एक सामूहिक इकाई के रूप में.
- वर्ना गुलाब का पौधा उगाने पर कैक्टस ऊग जाता, लेकिन हम इसके शुद्ध आर्थिक पहलू की बात करना चाहते हंै, जो गरीबी से बाहर आती जनता के उपभोक्ता वर्ग में तब्दील होने की बात करता है, जिससे व्यापार उद्योग को बढ़ावा मिलता है, नई नौकरियां बनती हंै, समृद्धि आती है, यह अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए एक बेहतर दुनिया छोड़कर जाने की बात है।
- अच्छे बिम्ब और बिलकुल नए बिम्ब प्रयोग किये हैं...ज़िंदगी बुर्का ही तो है...अंदर कुछ और बाहर दिखता ही नहीं...ज़िंदगी चुसनी की तरह, बेमतलब की सी ज़िंदगी....और अंतिम तो कमाल ही है...हम केवल इतना ही प्रयास करते हैं जितनी ज़रूरत हो...बहुत सुन्दर भावों में समेट दी है ज़िंदगी...ज़िंदगी गुलाब का पौधा है जिसकी हर शाखा काँटों से भरी हुई है फिर भी एक गुलाब की खुशबू हर टहनी में बसी हुयी है...