गुर्जर प्रतिहार sentence in Hindi
pronunciation: [ gaurejr pertihaar ]
Examples
- गुर्जर · गुर्जर प्रतिहार वंश · गुर्जर प्रतिहार साम्राज्य · आदिवराह · देवपाल (प्रतिहार वंश) · नागभट्ट प्रथम · नागभट्ट द्वितीय · भोज · भोज द्वितीय · महिपाल · महेन्द्र पाल · वत्सराज
- द्वितय लक्ष्मण राज के कारीतालाई अभिलेख के अनुसार युवराज देव ने गुर्जर प्रतिहार नरेश महिपाल पर विजय प्राप्त की थी उसने गौदाधिपति, मालवनृपति और इसी तरह दक्षिण कौशालाधिपति को पराजित किया था।
- तीन प्रतापी राजवंश वास्तव में हर्षवर्धन की मृत्यु के पश्चात उत्तर और दक्षिण भारत में तीन प्रतापी राजवंश शासन कर रहे थे-पहला था पाल वंश, दूसरा था गुर्जर प्रतिहार तथा तीसरा था राष्ट्रकूट राजवंश।
- मध्यकालीन भारत में 889 ईसवी से 910 ईसवी के बीच गुर्जर प्रतिहार वंश की स्थापत्य कला को अपने में समेटे हुए दो शिलापट करीब चालीस साल से मेरठ कालेज में मंगल पांडे सभागार के बाहर पड़े हैं।
- सन 815 में गुर्जर प्रतिहार राजा नागभट्ट ने तीसरा मंदिर बनवाया जिस पर आक्रमण करके गजनी के महमूद ने शुक्रवार दिनांक 11 मई 1025 को सुबह 9. 46 पर मंदिर में स्थित ज्योतिर्लिंग को तोड़ डाला.
- राजौरगढ़ के शिलालेख से पता चलता है कि सन् ९५९ में इस प्रदेश पर गुर्जर प्रतिहार वंशीय सावर के पुत्र मथनदेव का अधिकार था, जो कन्नौज के भट्टारक राजा परमेश्वर क्षितिपाल देव के द्वितीय पुत्र श्री विजयपाल देव का सामन्त था।
- राजौरगढ़ के शिलालेख से पता चलता है कि सन् ९५९ में इस प्रदेश पर गुर्जर प्रतिहार वंशीय सावर के पुत्र मथनदेव का अधिकार था, जो कन्नौज के भट्टारक राजा परमेश्वर क्षितिपाल देव के द्वितीय पुत्र श्री विजयपाल देव का सामन्त था।
- जिस प्रकार उत्तरी भारत में गुर्जर प्रतिहार साम्राज्य के ह्रास काल में अनेक छोटे-बड़े राजपूत राज्य क़ायम हुए, वैसे ही दक्षिणी भारत में कल्याणी के चालुक्यों की शक्ति क्षीण होने पर अनेक राजाओं ने स्वतंत्र होकर अपने पृथक राज्यों की स्थापना की।
- प्रारम्भिक राजपूत कुलों में जिन्होंने राजस्थान में अपने-अपने राज्य स्थापित किये थे, उनमें मेवाड़ के गुहिल, मारवाड़ के गुर्जर प्रतिहार और राठौड़, सांभर के चौहान तथा आबू के परमार आम्बेर के कछवाहा, जैसलमेर के भाटी आदि प्रमुख थे।
- राजौरगढ़ के शिलालेख से पता चलता है कि सन् ९ ५ ९ में इस प्रदेश पर गुर्जर प्रतिहार वंशीय सावर के पुत्र मथनदेव का अधिकार था, जो कन्नौज के भट्टारक राजा परमेश्वर क्षितिपाल देव के द्वितीय पुत्र श्री विजयपाल देव का सामन्त था।