आज्ञा देना sentence in Hindi
pronunciation: [ aajenyaa daa ]
"आज्ञा देना" meaning in English "आज्ञा देना" meaning in Hindi
Examples
- औरंगजेब का अपने निजी खर्च के लिए खजाने कोई रकम लेने के बजाए कुरान के आयतों की नकल कर खर्च चलाना और अपनी कब्र तक को बिना किसी तामझाम के फकीरों की कब्रों के बीच स्थापित करने की आज्ञा देना इसका प्रमाण है ।
- औरंगजेब का अपने निजी खर्च के लिए खजाने कोई रकम लेने के बजाए कुरान के आयतों की नकल कर खर्च चलाना और अपनी कब्र तक को बिना किसी तामझाम के फकीरों की कब्रों के बीच स्थापित करने की आज्ञा देना इसका प्रमाण है ।
- सती को दर्द इस बात का भी था कि वह अपने पति के मना करने के बावजूद इस यज्ञ में चली आई थी और अपने दस शक्तिशाली (दस महाविद्या) रूप बताकर-डराकर पति शिव को इस बात के लिए विवश कर दिया था कि उन्हें सती को वहां जाने की आज्ञा देना पड़ी।
- (जो धनुष रावण और बाण-जैसे जगद्विजयी वीरों के हिलाए न हिल सका, उसे तोड़ने के लिए मुनि विश्वामित्रजी का रामजी को आज्ञा देना और रामजी का उसे तोड़ने के लिए चल देना रानी को हठ जान पड़ा, इसलिए वे कहने लगीं कि गुरु विश्वामित्रजी को कोई समझाता भी नहीं) ॥ 1 ॥
- अनुमति देना ठेके पर देना दो{आने / जाने/करने इत्यादि} समर्थन अनूज्ञा अनुमान ठेके पर काम देना किराय पर देना निखाल देना अनुज्ञा देना बह्ना आज्ञा-पट्र आज्ञा देना भाड़े पर देना जाने देना अनुमोदन करना स्विकार करना हो सकना किराय पर देना प्रवेश करने देना खिलाड़ी को रोकना स्वीकार करना/मान लेना खिलाड़ी को रोकना अंदर आने देना आने देना अंदर आने देना परमिट
- शिव-विवाह, शिव द्वारा अगस्त्य को दक्षिण में जाने की आज्ञा देना, अगस्त्य का दक्षिण की ओर जाना, विन्ध्यवासियों में सद्जीवन की अलख जगाना, विन्ध्याचल होकर उत्तर-दक्षिण वासियों का आवागमन सुलभ बनाना, राक्षसों को पराजित करना और मलयाचल की शोभा का वर्णन करना आदि प्रसंगों की कवि के द्वारा मनोहारी ढँग से इस रचना में प्रस्तुति की गयी है।
- प्रतिनिधि, सरकाघाट: राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चोलथरा में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर स्कूल प्रबंधन द्वारा हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के सांसद अनुराग ठाकुर और क्षेत्र के विधायक महेंद्र सिंह को राष्ट्रीय ध्वज फहराने की आज्ञा देना स्कूल प्रबंधन को महंगा पड़ा है। प्रिंसिपल सहित छह शिक्षकों व कर्मचारियों पर तबादले की गाज गिर गई है। विधायक महेंद्र सिंह ने दस अगस्त को स्कूल के प्रधानाचार्य रमेश ठाकुर को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि चोलथरा स्कूल में तीन दशक से स्वतंत्रता दिवस पर समारोह आयोजित
- लेकिन जब मैने महल छोड़ा, राजकुमार की पदवी छोड़ी, गृहस्थ को छोड़ा और फिर भिक्षु के वस्त्र लिए, उस दिन से मैने दूसरो को आदेश देना-दूसरे ये करें,या ये न करें, इस प्रकार की आज्ञा देना मैने उसी दिन त्याग दिया था| अब एक बात को समझो| मेरे साथ रह रहे हो, भिक्षु हो तो भिक्षु का धर्म क्या-उसको जो मिलता है, वो उसे स्वीकार करता है| आज से पहले लोगों ने सम्मान किया, घरों में बुलाया, भोजन कराया वस्त्र दिए, क्या हमने वो स्वीकार नहीं किया?