आज़ाद करना sentence in Hindi
pronunciation: [ aajad kernaa ]
"आज़ाद करना" meaning in English "आज़ाद करना" meaning in Hindi
Examples
- यह बात किसी पर रहस्य नहीं कि जिस व्यक्ति ने रमज़ान के दिन में अपनी पत्नी से संभोग कर लिया उस पर एक गुलाम आज़ाद करना या लगातार दो महीने रोज़े रखना या साठ मिस्कीनों (गरीबों) को खाना खिलाना अनिवार्य है।
- उस के गिरने से इमाम (अ) मेहमानों के कपड़े ख़राब हो गये, कनीज़ काँपने लगी, आपने ग़ुस्से के बजाए उसे अल्लाह की राह में आज़ाद कर दिया कि तू जो मेरे भय से काँपती है शायद यही आज़ाद करना कफ़्फ़ारा हो जाये।
- एक ग़ुलाम आज़ाद करना (10) (10) चाहे वह मूमिन हो या काफ़िर, छोटा हो या बड़ा, मर्द हो या औरत, अलबत्ता मुदब्बर और उम्मे वलद और ऐसा मकातिब जायज़ नहीं जिसने किताब के बदल में से कुछ अदा किया हो.
- अगर मुस्लिम भाइयों को पिछड़ेपन के लेबल से छुटकारा पाना है तो सब से पहले उन्हें इन स्वार्थी नेताओं से खुद को आज़ाद करना होगा, वक़्त के साथ कदम मिला कर चलने को तैयार होना होगा, अपने बच्चों को मदरसे की तालीम के बजाय आधुनिक शिक्षा दिलानी होगी.
- यह ऐसी हालत में है कि जब सऊदी अरब में छह मार्च से आले सऊद तानाशाही के विरूद्ध प्रदर्शनों में तेजी आने के बाद ऑले सऊद राजशाही को मजबूरन उन सौ बंदियों को आज़ाद करना पड़ा जिनको उसने देश के सेंट्रल इलाके में प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किया था।
- और किसी मोमिन को शान नहीं की किसी मोमिन को क़त्ल करे और किसी मोमिन को गलती से क़त्ल कर दे तो उसके ऊपर एक मुस्लमान गुलाम या लौंडी को आज़ाद करना है और खून बहा है, जो उसके खानदान के हवाले से दीजिए, मगर ये की वोह लोग मुआफ कर दें।
- ” और किसी मोमिन को शान नहीं की किसी मोमिन को क़त्ल करे और किसी मोमिन को गलती से क़त्ल कर दे तो उसके ऊपर एक मुस्लमान गुलाम या लौंडी को आज़ाद करना है और खून बहा है, जो उसके खानदान के हवाले से दीजिए, मगर ये की वोह लोग मुआफ कर दें।
- ” सो वह घाटी में प्रवेश नहीं किया, और आप को क्या पता कि घाटी है क्या? किसी गर्दन को छुड़ाना (अर्थात किसी दास या दासी को आज़ाद करना), या भूख वाले दिन खाना खिलाना किसी रिश्तेदार यतीम (अनाथ) को, या मिट्टी पर पड़े हुए मिसकीन (गरीब) को।
- और मुझे पता चला है कि रमज़ान के दिन में संभोग करने का कफ्फारा एक गुलाम (दास/दासी) आज़ाद करना है, और मेरे पास गर्दन मुक्त करने के लिए कुछ नहीं है, और काम के कारण मेरे लिए लगातार दो महीने रोज़ा रखना बहुत कठिन है, तो क्या मैं साठ गरीब व्यक्तियों को खाना खिला सकता हूँ, जैसाकि हदीस में वर्णित है?
- और जो शख़्स किसी मोमिन को धोखे से (भी) मार डाले तो (उसपर) एक ईमानदार गु़लाम का आज़ाद करना और मक़तूल के क़राबतदारों को खूंन बहा देना (लाज़िम) है मगर जब वह लोग माफ़ करें फिर अगर मक़तूल उन लोगों में से हो वह जो तुम्हारे दुशमन (काफ़िर हरबी) हैं और ख़ुद क़ातिल मोमिन है तो (सिर्फ) एक मुसलमान ग़ुलाम का आज़ाद