अमरकण्टक sentence in Hindi
pronunciation: [ amerkentek ]
"अमरकण्टक" meaning in Hindi
Examples
- गंगासागर, वाराणसी, कुरुक्षेत्र, पुष्कर, तीर्थराज प्रयाग, समुद्र के तट, नैमिशारण्य, अमरकण्टक, श्रीपर्वत, महाकाल (उज्जैन), गोकर्ण, वेद-पर्वत दान के लिए अति पवित्र स्थल माने गए हैं।
- इस नदी का प्राकट्य ही, विष्णु द्वारा अवतारों में किए राक्षस-वध के प्रायश्चित के लिए ही प्रभु शिव द्वारा अमरकण्टक के मैकल पर्वत पर कृपा सागर भगवान शंकर द्वारा १२ वर्ष की दिव्य कन्या के रूप में किया गया.
- “ ” भोपाल कब तक रहोगे? “ ” परसों दोपहर तक... फिर वापस रायपुर। “ ” किस ट्रेन से जाओगे? “ ” अमरकण्टक एक्सप्रेस। “ ” परसों हैं क्या? “ ” हाँ... परसों शनिवार है।
- नर्मदा पर दर्शनीय स्थल भी है यह अमरकण्टक में स्थित ‘‘ कपिलधारा और दुग्धधारा सहस्त्रधारा नामक जलप्रपात है, जो कि 3500 फिट ऊॅचाई पर स्थित हिल स्टेशन है, यह प्रपात 6 किमी तक तेज प्रवाह बनकर गिरता है।
- स्वामी ब्रह्मानन्द जी ने दिव्य नदी नर्मदा जी की तीन बार परिक्रमा की है और नर्मदा उद्गम स्थान अमरकण्टक से लेकर रत्नासागर संगम तक अमरकण्टक, ओंकारेश्वर, महेश्वर, सहस्त्रधारा, शुक्लतीर्थ, कोटि तीर्थ, भार-भूतेश्वर पर सेवा केन्द्र है।
- स्वामी ब्रह्मानन्द जी ने दिव्य नदी नर्मदा जी की तीन बार परिक्रमा की है और नर्मदा उद्गम स्थान अमरकण्टक से लेकर रत्नासागर संगम तक अमरकण्टक, ओंकारेश्वर, महेश्वर, सहस्त्रधारा, शुक्लतीर्थ, कोटि तीर्थ, भार-भूतेश्वर पर सेवा केन्द्र है।
- नागपुर, चाँदा, कवर्धा, खैरागढ, दमोह, जबलपुर, अमरकण्टक, चित्तोड से यात्रियों के पोटागढ व नारायणपाल आने सम्बन्धी अभिलेखों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि कई यात्रामार्ग चक्रकोट्यराष्ट्र को शेष भारत से जोडते रहे होंगे।
- यह दिव्य-नदी नर्मदा अमरकण्टक के मैकल-पर्वत से प्रकट होकर (उडिसा मध्यप्रदेश की सीमा) पश्चिम वाहिनी है और मध्य-प्रदेश महाराष्ट्र में से होती हुई गुजरात के रत्नासागर (अरब सागर) में जिला भरूच में सागर में मिल जाती है।
- [12] कूर्म पुराण एवं मत्स्य पुराण में ऐसा कहा गया है कि जो अग्नि या जल में प्रवेश करके या उपवास करके (नर्मदा के किसी तीर्थ पर या अमरकण्टक पर) प्राण त्यागता है वह पुन: (इस संसार में) नहीं आता।
- इस नदी का प्राकट्य ही, विष्णु द्वारा अवतारों में किए राक्षस-वध के प्रायश्चित के लिए ही प्रभु शिव द्वारा अमरकण्टक (जिला शहडोल, मध्यप्रदेश जबलपुर-विलासपुर रेल लाईन-उडिसा मध्यप्रदेश ककी सीमा पर) के मैकल पर्वत पर कृपा सागर भगवान शंकर द्वारा १२ वर्ष की दिव्य कन्या के रूप में किया गया।