15 पार्क एवेन्यू sentence in Hindi
pronunciation: [ 15 paarek eveneyu ]
Examples
- हालांकि वे खुद भी मानती हैं कि उन्हें सबसे चुनौतीपूर्ण भूमिकाएं अपनी मां की फिल्मों में ही मिली हैं, पहले मिस्टर एंड मिसेज अय्यर, फिर 15 पार्क एवेन्यू और अब इति मृणालिनी जिसमें उन्होंने 70 के दशक की एक बंगाली अभिनेत्री की भूमिका निभाई है.
- हालांकि वे खुद भी मानती हैं कि उन्हें सबसे चुनौतीपूर्ण भूमिकाएं अपनी मां की फिल्मों में ही मिली हैं, पहले मिस्टर एंड मिसेज अय्यर, फिर 15 पार्क एवेन्यू और अब इति मृणालिनी जिसमें उन्होंने 70 के दशक की एक बंगाली अभिनेत्री की भूमिका निभाई है.
- कथा साराँशः 15 पार्क एवेन्यू कहानी है श्रीमति गुप्ता (वहीदा रहमान) की और उनकी दो बेटियों, अँजली (शबाना आज़मी) और मिताली यानि मिट्ठू (कोंकणा सेन) की. मिट्ठू मानसिक रोगी हैं, उन्हें स्कित्जोफ्रेनिया है और वह अपनी कल्पना के घर को खोजना चाहती हैं जो 15 पार्क एवेन्यू पर है जहाँ उनके अनुसार उनके पति और बच्चे उनकी राह देख रहे हैं.
- कथा साराँशः 15 पार्क एवेन्यू कहानी है श्रीमति गुप्ता (वहीदा रहमान) की और उनकी दो बेटियों, अँजली (शबाना आज़मी) और मिताली यानि मिट्ठू (कोंकणा सेन) की. मिट्ठू मानसिक रोगी हैं, उन्हें स्कित्जोफ्रेनिया है और वह अपनी कल्पना के घर को खोजना चाहती हैं जो 15 पार्क एवेन्यू पर है जहाँ उनके अनुसार उनके पति और बच्चे उनकी राह देख रहे हैं.
- कथा साराँशः 15 पार्क एवेन्यू कहानी है श्रीमति गुप्ता (वहीदा रहमान) की और उनकी दो बेटियों, अँजली (शबाना आज़मी) और मिताली यानि मिट्ठू (कोंकणा सेन) की. मिट्ठू मानसिक रोगी हैं, उन्हें स्कित्जोफ्रेनिया है और वह अपनी कल्पना के घर को खोजना चाहती हैं जो 15 पार्क एवेन्यू पर है जहाँ उनके अनुसार उनके पति और बच्चे उनकी राह देख रहे हैं.
- कथा साराँशः 15 पार्क एवेन्यू कहानी है श्रीमति गुप्ता (वहीदा रहमान) की और उनकी दो बेटियों, अँजली (शबाना आज़मी) और मिताली यानि मिट्ठू (कोंकणा सेन) की. मिट्ठू मानसिक रोगी हैं, उन्हें स्कित्जोफ्रेनिया है और वह अपनी कल्पना के घर को खोजना चाहती हैं जो 15 पार्क एवेन्यू पर है जहाँ उनके अनुसार उनके पति और बच्चे उनकी राह देख रहे हैं.
- फिल्म का अंत इसी फँतासी वाले प्रश्न से होता है जब मिट्ठू किसी अन्य स्तर पर बने अपने 15 पार्क एवेन्यू वाले अपने घर को खोज लेती हैं जहाँ उनका मिलन अपने पति और पाँच बच्चों से होता है. कुछ यही अंत था ख्वाजा अहमद अब्बास की 1963 की फिल्म “शहर और सपना” का जिसमें सड़क पर पुरानी पाईप में जीवन बिताने को मजबूर युगल अंत में उसी पाईप में छुपा अपने सपने का घर पाता है.
- एंड मिसेज अय्यर मीनाक्षी अय्यर विजेता, सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार |-2004 | चाय पानी आदि शांति/राधा जोशी | |-|रोस्पैन=“3”|2005 | अमू | काजू 'अमू' | |-पेज 3 माधवी शर्मा | |-| 15 पार्क एवेन्यू | मीठी | |-रोस्पैन=“6”2006 | दोसर काबेरी चैटर्जी | |-| मिक्स्ड डबल्स मालती | |-यूं होता तो क्या होता तिलोत्तिमा पुंज | |-ओमकारा | इंदु | विजेता, सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार