हिन्दी आन्दोलन sentence in Hindi
pronunciation: [ hinedi aanedolen ]
Examples
- ' हिन्दी साहित्य सम्मेलन' जैसी साहित्यिक संस्थाओं की स्थापना द्वारा 'काशी हिन्दू विश्वविद्यालय' तथा अन्य शिक्षण केन्द्रों के निर्माण द्वारा और सार्वजनिक रूप से हिन्दी आन्दोलन का नेतृत्व कर उसे सरकारी दफ़्तरों में स्वीकृत कराके मालवीय जी ने हिन्दी की सेवा की उसे साधारण नहीं कहा जा सकता।
- इस मानसिकता का परिणाम यह हुआ कि बंगाल, महाराष्ट्र, और गुजरात आदि के वे लेखक जो हिन्दी आन्दोलन में अपनी सशक्त भूमिका निभा रहे थे, भारत की स्वाधीनता के बाद कहीं दबे स्वर में और कहीं खुलकर हिन्दी का विरोध करते दिखाई दि ए.
- ' हिन्दी साहित्य सम्मेलन' जैसी साहित्यिक संस्थाओं की स्थापना द्वारा 'काशी हिन्दू विश्वविद्यालय' तथा अन्य शिक्षण केन्द्रों के निर्माण द्वारा और सार्वजनिक रूप से हिन्दी आन्दोलन का नेतृत्व कर उसे सरकारी दफ़्तरों में स्वीकृत कराके मालवीय जी ने हिन्दी की सेवा की उसे साधारण नहीं कहा जा सकता।
- यदि पटना, दिल्ली, उज्जैन के विशाल त्रिकोण में हिन्दी आन्दोलन न चलाया जाता; यदि यहाँ फारसी-लिपि और फारसी-अरबी के शिष्ट शब्द लेने की नीति को मान लिया जाता तो यह नीति केवल यहाँ की जनता के लिये ही नहीं, वरन समस्त देश की जनता के लिये घातक होता।
- हिन्दी आन्दोलन चल रहा है, चल रहा है, चलता चला जा रहा है, मगर पान-ठेलों, चौक-चौराहों, टी. वी., सिनेमा, सांस्कृतिक केन्द्रों, सरकारी गैर सरकारी दफ्तरों से लेकर संसद तक रोजाना इस अबला की अस्मत तार-तार होती रहती है।
- छात्रसंघ बहाली का आन्दोलन, मंहगाई के खिलाफ संघर्ष, भूमि अधिग्रहण के खिलाफ मोर्चा, नौकरशाही व भ्रष्टाचार के खिलाफ जन जागरण अभियान, हिन्दी आन्दोलन, बिजली की समस्या पर लगातार आन्दोलन, जन समस्याओं पर जेल भरो आन्दोलन लगातार चलाते रहना समाजवादी आनदोलन की मूल प्रवृत्ति है।
- ' हिन्दी साहित्य सम्मेलन ' जैसी साहित्यिक संस्थाओं की स्थापना द्वारा ' काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ' तथा अन्य शिक्षण केन्द्रों के निर्माण द्वारा और सार्वजनिक रूप से हिन्दी आन्दोलन का नेतृत्व कर उसे सरकारी दफ़्तरों में स्वीकृत कराके मालवीय जी ने हिन्दी की सेवा की उसे साधारण नहीं कहा जा सकता।
- यदि पटना, दिल्ली, उज्जैन के विशाल त्रिकोण में हिन्दी आन्दोलन न चलाया जाता ; यदि यहाँ फारसी-लिपि और फारसी-अरबी के शिष्ट शब्द लेने की नीति को मान लिया जाता तो यह नीति केवल यहाँ की जनता के लिये ही नहीं, वरन समस्त देश की जनता के लिये घातक होता।
- किन्तु पहले 1857 की महाक्रान्ति की विफलता ने हिन्दुओं मुसलमानों के मध्य की एकता के धागे को जगह-जगह से तोड़कर बिखेर दिया और फिर जो कुछ बचा-खुचा था वह देवनागरी आन्दोलन के प्रभाव से, जो आगे चलकर हिन्दी आन्दोलन के रूप में उर्दू के विरोध में सक्रीय दिखायी दिया, टूटता चला गय।