स्वयंपूर्ण sentence in Hindi
pronunciation: [ sevyenpuren ]
"स्वयंपूर्ण" meaning in English
Examples
- इसके अलावा हिंदी के विकास के लिए गृह मंत्रालय में राजभाषा विभाग को दायित्व देने के बजाय स्वयंपूर्ण और स्थाई स्वायत्त राजभाषा कार्यान्वयन आयोग बनाया जाए जिसका अध्यक्ष ऐसा व्यक्ति हो जिसे हिंदी भाषा से लगाव हो।
- किन्तु अब मेरे मन में एक गंभीर प्रश्न खड़ा हो गया, माक्र्सवाद-लेनिनवाद का कुछ भी अर्थ किया जाय, फिर भी क्या वह सामाजिक क्रांति ओर समाजवाद की स्थापना के लिए एक स्वयंपूर्ण और सुरक्षित मार्गदर्शक हो सकता है?
- उन्होंने ' जय जवान, जय किसान ' के नारे के साथ हर क्षेत्र में स्वावलंबी, स्वाभिमानी और स्वयंपूर्ण भारत के सपने को साकार करने के लिए उसे योजना के ढाँचे और युक्ति के साँचे में ढाला।
- बहरहाल थोड़े से ही वर्षों में, हम सम्भवत: यह जान लेंगे कि क्या यह तथ्य विश्वसनीय है कि हम एक ऐसे ब्रह्माण्ड में रहते हैं जो पूरी तरह से स्वयंपूर्ण है तथा जिसका न आदि है, न अन्त।
- ब्रह्माण्ड विलक्षणता की स्थिति से प्रारम्भ हुआ या दिक्-काल की कोई सीमा है अथवा नहीं, या पूरी तरह से स्वयंपूर्ण (Self-contained) है तथा अपने से बाहर किसी भी वस्तु के द्वारा प्रभावित नहीं होता तथा इस प्रकार यह पूर्णत:
- बहरहाल थोड़े से ही वर्षों में, हम सम्भवत: यह जान लेंगे कि क्या यह तथ्य विश्वसनीय है कि हम एक ऐसे ब्रह्माण्ड में रहते हैं जो पूरी तरह से स्वयंपूर्ण है तथा जिसका न आदि है, न अन्त।
- उनकी साहित्यिक रचनाओं से संग्रहीत ये संक्षिप्त स्वयंपूर्ण उद्धरण यह बताते हैं कि धर्म क्या है तथा यह हमारे लिए जीवनप्रद सम्बन्ध वाला क्यों है तथा इसे अपने जीवन का अंग बनाने के लिए क्यों हमें इसका अभ्यास अवश्य करना ही होगा।
- यहॉं यह स्पष्ट रूप से समझ लेना जरूरी है कि किसी भी ग़ज़ल में सम्मिलित सभी शेर मत्ला (ग़ज़ल का पहला शेर जिसे मत्ले का शेर भी कहते हैं) से निर्धारित बह्र, काफिया व रदीफ का पालन करते हैं और स्वयंपूर्ण पद्य-काव्य होते हैं।
- हाथ से पीसना, हाथ से कूटना और पछोरना, साबुन बनाना, कागज बनाना, चमड़ा कमाना, तेल पेरना और इस तरह के साजाजिक जीवन के लिए जरूरी और महत्व के दूसरे धन्धों के बिना गांवों की आर्थिक रचना संपूर्ण नहीं हो सकती, यानी गांव स्वयंपूर्ण घटक नहीं बन सकते।
- आर्थिक विकास, स्वयंपूर्ण ग्रामीण क्षेत्रव्यवस्था, समाज व्यवस्था, स्वदेशी का पुरस्कार करने वाली शिक्षा, सदाचार, सर्वोदय आदि सभी बातों के लिए प्रयत्न करना आवश्यक होते हुए भी समाज के सभी क्षत्रों में उसे पहुंचाने और तदनुसार प्रत्यक्ष कार्य करने के लिए सर्वप्रथम आवश्यकता है, कार्यकर्ताओं को निर्माण करने की।