सुनील शास्त्री sentence in Hindi
pronunciation: [ sunil shaasetri ]
Examples
- रामायण भी ले गए चोर बुधवार-गुरुवार की रात डेनिडा रोड पर रमेश भार्गव और उनके किराएदार के यहां चोरी करने वाले चोरों ने पड़ोस में ही रहने वाले सुनील शास्त्री के घर को निशाने पर लिया।
- इस अवसर पर भाजपा विधायक घनश्याम सर्राफ, हजकां जिला अध्यक्ष बहादुर चंद शर्मा, कुसुम शर्मा, प्रदेश प्रवक्ता कमल सिंह, विरेंद्र कौशिक, शशि परमार, ओम प्रकाश बहलवाला, सुनील शास्त्री मौजूद थे।
- 1965 की लड़ाई में पाकिस्तान के हार के बाद तत्कालीन सोवियत रूस के ताशकंद में समझौते के बाद, प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की मौत (जिस पर उनके पुत्र, सुनील शास्त्री ने जांच की मांग की थी।
- सुनील शास्त्री के अनुसार उनकी दादी कहती थीं, इस नन्हे ने जन्म से पहले नौ महीने पेट में आ बड़ी तकलीफ दी और नहीं जानती थी कि वह इस दुनिया से कूच कर मुझे नौ महीने फिर सतायेगा।
- सुनील शास्त्री के अनुसार उनकी मैगजीन का उद्देश्य ऐसी योजनाओं को आम आदमी तक पहुंचाया जाना है जो सरकार के स्तर पर घोषित तो कर दी जाती हैं लेकिन आम आदमी को उन योजनाओं की जानकारी नहीं मिल पाती है।
- वसुंधरा / साहिबाबाद, जागरण संवाद केंद्र: श्री दिगंबर जैन मंदिर वसुंधरा और पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर श्यामपार्क में चल रहे दशलक्षण पर्व में प्रवचन करते हुए सुनील शास्त्री जी ने कहा कि जिसके द्वारा किसी वस्तु को तपाकर शुद्ध किया जाता है, उसे ही...
- जून जुलाई की भयानक गर्मी में मोटर साइकिल पर सवार होकर उन्होने इलाहाबाद में चुनाव प्रचार किया था और अमिताभ बच्चन द्वारा इस्तीफा दिये जाने से खाली हुयी सीट पर हुये उपचुनाव में श्री लाल बहादुर शास्त्री के सुपुत्र श्री सुनील शास्त्री को हराया था।
- जून जुलाई की भयानक गर्मी में मोटर साइकिल पर सवार होकर उन्होने इलाहाबाद में चुनाव प्रचार किया था और अमिताभ बच्चन द्वारा इस्तीफा दिये जाने से खाली हुयी सीट पर हुये उपचुनाव में श्री लाल बहादुर शास्त्री के सुपुत्र श्री सुनील शास्त्री को हराया था।
- लालबहादुर शास्त्री के बेटे सुनील शास्त्री का कहना था कि जब लालबहादुर शास्त्री की लाश को उन्होंने देखा था तो लालबहादुर शास्त्री की छाती, पेट और पीठ पर नीले निशान थे जिन्हें देखकर साफ लग रहा था कि उन्हें जहर दिया गया है.
- कभी पार्टी 1987 में अमिताभ बच्चन से लोकसभा की सदस्यता से त्यागपत्र मांगती दिखाई दी तो कभी उसी इलाहाबाद सीट पर विश्वनाथ प्रताप सिंह के मुकाबले सुनील शास्त्री जैसे कमज़ोर उम्मीदवार को उपचुनाव लड़वा कर देश को गठबंधन सरकार की राजनीति के दौर में धकेलती नज़र आई।