सही बुख़ारी sentence in Hindi
pronunciation: [ shi bukhari ]
Examples
- सही बुख़ारी नामक पुस्तक में आया है कि अनस बिन मालिक कहता है कि उस समय मैं उबैदुल्लाह इब्ने ज़ियाद के निकट बैठा था जिस समय हुसैन इब्ने अली के सिर को एक थाल में रखकर लाया गया।
- -शिया किताबों के अलावा सही बुख़ारी, सही मुस्लिम, सुनने अबी दाऊद, और मुसनदे अहमद जैसी किताबों में भी पैग़म्बरे इस्लाम (स) की यह हदीस नक़्ल है कि मेरे ख़ुलफ़ा बारह हैं और सबके सब कुरैश से हैं।
- ‘‘ (सही बुख़ारी, किताबुल-अंबिया, बाब क़ौल अल्लाह तआला वत्तख़ज़ल्लाहु इबराहीमा ख़लीला, रक़मुल-हदीस, 3364) हाजरा के शौहर हज़रत इबराहीम बिन आज़र तक़रीबन साढ़े चार हज़ार साल पहले इराक़ में पैदा हुए और 175 साल की उम्र पाकर उनकी वफ़ात हुई।
- ) (तफ़सीरे अलमनार) में भी सही बुख़ारी के हवाले से एक हदीस अबूबक्र से नक़्ल हुई है जिसके अनुसार अल्लाह के नबी (स) ने इमाम हुसैन (अ) के लिये ذ ُ ر ّ ِ ي ّ َ ت ِ का लफ़्ज़ प्रयोग किया है।
- Seal: To close completely पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने अपने बाद ख़त्मे नुबूव्वत का ऐलान करते हुए फ़रमाया कि ‘ ला नबिय्या बाअदि ‘ (सही बुख़ारी, हदीस नं. 3455) यानि मैं ख़ुदा का आखि़री पैग़म्बर हूं, मेरे बाद कोई और पैग़म्बर आने वाला नहीं।
- इस बात को बताते हुए कुरआन में कहा गया है-‘ वफ़दैनाहु बिज़िब्हिन अज़ीम ‘ (अस्साफ़्फ़ातः 107) जैसा कि सही बुख़ारी की रिवायत से मालूम होता है, इसके बाद हज़रत इबराहीम ने अपनी पत्नी हाजरा और अपने बेटे इस्माईल को अरब के एक रेगिस्तानी मक़ाम पर आबाद कर दिया।
- सो तू लोगों के दिल उनकी तरफ़ माइल कर दे और उन्हें फलों की रोज़ी अता फ़रमा ताकि वे शुक्र करें ‘‘-(इबराहीम 35-37) हाजरा के बारे में कुरआन में सिर्फ़ सूक्ष्म इशारा आया है लेकिन हदीस की मशहूर किताब सही बुख़ारी में हाजरा के बारे में तफ़्सीली रिवायत मौजूद है।
- अहले सुन्नत की मोतबर किताबों सही बुख़ारी, सही मुस्लिम, सुनने तिरमिज़ी, सुनने इबने दाऊद, मुसनदे अहमद वग़ैरा में इस तरह की रिवायात वारिद हुई हैं, मिसाल के तौर पर जाबिर बिन समरा कहते हैं कि मैंने पैग़म्बरे इस्लाम (स) से सुना है कि मेरे बाद बारह अमीर (ख़लीफ़ा) आयेगें।
- (सही बुख़ारी किताबुज़्जकात) दअसल ज़कात का मक़सद ही यह है कि ग़रीब और नादार लोगों और ज़रूरतमंदों की ज़रूरत पूरी की जाए और अपने आस पास के लोगों, रिश्तेदारों पड़ोसियों, यतीमों, विधवाओं, ग़रीब विद्यार्थियों, ज़रूरतमंद मुसाफ़िरों, क़र्ज़दारों की ख़बरगीरी की जाए और ज़कात के मुस्तहिक़ीन की तहक़ीक़ करके उन्हें ज़कात दी जाए।
- हज़रत उमर (रज़ियल्लाहु अन्हु) की हदीस सही बुख़ारी, खण्ड 2, किताब हज्ज, अध्याय 56 में वर्णित हदीस नॉ 675 के अनुसार हज़रत उमर (रज़ियल्लाह अन्हु) ने काबा में रखे हुए काले रंग के पत्थर (पवित्र हज्र-ए-अस्वद) को सम्बोधित करते हुए फ़रमायाः ‘‘ मैं जानता हूँ कि तू एक पत्थर है जो किसी को हानि अथवा लाभ नहीं पहुंचा सकता।