सहतवार sentence in Hindi
pronunciation: [ shetvaar ]
Examples
- सहतवार-वैसे तो सहतवार थाने पर 11 अगस्त से ही युवा नेता श्री श्रीपति कुॅवर के नेतृत्व में आए जूलूस द्वारा थानेदार श्री हैदर को आत्मसमपर्ण करा कर लगावाया गया झण्डा लहरा रहा था।
- संतोष कुमार कहते है कि इसके शुरू नहीं होने के कारण क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक ग्राम सभाओं की 50000 जनता को रेवती अथवा सहतवार प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर दौड़ लगानी पड़ती है।
- उसे बेहोशी की हालत में ही उठाकर प्राथिमक स्वास्थ्य केन्द्र सहतवार ले जाया गया, जहां उपचार के बाद होश में आने पर बालक ने दिंरंदगी बयां की तो बांसडीह रोड पुलिस को तहरीर दी गई।
- इस चुनाव के बाद बलिया के सहतवार में हुई एक सभा में उन्होंने जो भाषण दिया, उसकी एक लाइन आज भी इन पंक्तियों के लेखक को समाजवादी आंदोलन को समझने के सूत्र की तरह याद है।
- अभी इसी १ ९ तारीख को मै बलिया के सहतवार क्षेत्र से घूमकर लौटा हूं चूकि पीडिता बलियां से है यह कैसा संयोग है यह जानकर हतप्रभ हूं बहरहाल है तो अपने भारत की ही ।
- इस चुनाव के बाद बलिया के सहतवार में हुई एक सभा में उन्होंने जो भाषण दिया, उसकी एक लाइन आज भी इन पंक्तियों के लेखक को समाजवादी आंदोलन को समझने के सूत्र की तरह याद है।
- वहीं सीयर चौकी से बीबी सिंह को रसड़ा उत्तरी, रामगढ़ चौकी से श्रीराम यादव को सीयर, भोरिक यादव को सहतवार थाने से रामगढ़ चौकी, नगरा से दालचन्द्र यादव को शिवपुर दियर चौकी, शिवपुर से नरसिंह यादव को नगरा थाने पर तैनात किया है।
- किनवार क्षत्रियों का जो केवल बलिया के छत्ता और सहतवार आदि गाँवों में पाए जाते हैं, विवरण प्रथम ही सुना चुके हैं और जहाँ पर किनवार ब्राह्मण गाजीपुर के मुहम्मदाबाद परगने में भरे पड़े हुए हैं और वीरपुर, नारायणपुर, कुंडेसर, भरौली, विश् वंभरपुर, परसा, लट्ठूडीह गोढ़उर और करीमुद्दीनपुर आदि उनके बड़े-बड़े ग्राम है।
- बिहार प्रांत से सटे गांव कोतवाली क्षेत्र के शिवपुर दियर, प्रानपुर, नरही के इच्छा चौबे का पुरा, पलिया खास उर्फ बड़का खेत, भरौली, गोविन्दपुर, सरायकोट, सिकन्दरपुर, नरायणपुर, नसीरपुर मठ, उजियार, उमरपुर दियारा, कुल्हड़िया, फेफना के इन्दरपुर, गंगहरा, थम्हनपुरा, बांसडीह के सुल्तानपुर, टिकुलिया दीयर, भोजपुरवा, पर्वतपुर, रेगहां, सहतवार के गम्भीर टोला, चक विलियम, सुरहा गांव हैं।
- 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के सेनानायक वीरवर बाबू कुँवर सिंह जब आगरा-अवध प्रान्त में ब्रिटिष सामाज्य को रौंदते हुए 18 अपैल 1858 र्इ 0 को बलिया जिले की सीमा में प्रवेष किए तब नगरा, सिकन्दरपुर, काजीपुर, मनियर, बांसडीह और सहतवार में उनका विजेता की तरह स्वागत करने से लेकर उनके फौज को खाना-पानी और सुरक्षित ठिकाने का इन्तजाम स्थानीय गांववासियों ने चारो तरफ से घेरा डाले बैठी, ब्रिटिष फौज की आंखों में धूल झोंककर किया।