सर्वानुक्रमणी sentence in Hindi
pronunciation: [ servaanukermeni ]
Examples
- कात्यायन प्रणीत सर्वानुक्रमणी की संज्ञा का निर्वचन किया है-“सर्वज्ञेयार्थ वर्णनात् सर्वानुक्रमणीशब्दं निर्बुवंति विपश्चित: ” कात्यायन ने एक सर्वानुक्रमणी ऋग्वेद की शाकल एवं वाष्कल संहिता की बनाई और दूसरी शुक्ल यजुर्वेद की वाजसनेयि संहिता की।
- कात्यायन प्रणीत सर्वानुक्रमणी की संज्ञा का निर्वचन किया है-“सर्वज्ञेयार्थ वर्णनात् सर्वानुक्रमणीशब्दं निर्बुवंति विपश्चित: ” कात्यायन ने एक सर्वानुक्रमणी ऋग्वेद की शाकल एवं वाष्कल संहिता की बनाई और दूसरी शुक्ल यजुर्वेद की वाजसनेयि संहिता की।
- शुक्लयजुर्वेदीय सर्वानुक्रमणी का प्रकाशन वेबर द्वारा संपादित यजुर्वेद के संस्करण में परिशिष्ट रूप से संगृहीत है, तथा स्वतंत्र रूप से यह ग्रंथ सभाष्य बनारस संस्कृत सीरीज़ के अंतर्गत ईसवी सन् 1893-94 में सर्वप्रथम प्रकाशित हुआ मिलता है।
- जैसे, सर्वानुक्रमणी-ऋग्वेद ९. १ ० ६-चौदह मन्त्रों वाले ‘ इन्द्र्मच्छ ‘ सूक्त में-‘ चक्षुषा ‘ ने ३, ‘ मानव चक्षु ‘ ने ३, ' अप्स्व चक्षु ‘ ने ३ और ‘ अग्नि ‘ ने ५ मन्त्रों के अर्थ अपनी तपस्या से जानें।
- b. कुछ लोग यह दलील दे सकते है कि सर्वानुक्रमणी के लेखक कात्यायन के समय तक ऐतिहासिक परम्परा टूट चुकी थी इसलिये उन्होंने एक मन्त्र के साथ अनेक ऋषियों के नाम ‘ वा ‘ (या) का प्रयोग करते हुए जोडे कि-इनमें से किसी एक ने यह मन्त्र बनाया है।
- कात्यायन ने स्वयं भी सर्वानुक्रमणी में ‘ वा ‘ का उपयोग विभिन्न सन्दर्भों में किया है-परिभाषा प्रकरण में वह स्पष्ट लिखते हैं कि-जब ‘ वा ‘ का उपयोग करके किसी ऋषि का नाम दिया जाता है तो इसका अर्थ है कि पहले ऋषि के उपरांत इस ऋषि ने भी इस वेद मन्त्र को जाना था।