समाजद्रोही sentence in Hindi
pronunciation: [ semaajedrohi ]
"समाजद्रोही" meaning in English
Examples
- फिर ऎसी सुबहः के आलम पर स्यापा क्यों? तीसरी बात-कोई मुझे समाजद्रोही भले करार दे, किंतु यह सच है कि मानसिक गुलामी की चाटुकारिता हमारी रग़ों में सदियों से रच बस गयी है ।
- उन लोगों ने लगातार खेत मजदूरों के आंदोलन का फैलाव, बटाईदारी आदि पर चिंता व्यक्त करते हुए सरकार से आग्रह किया है कि वहां सशस्त्रा पुलिस बल की तैनाती की जाये तथाकथित ‘ समाजद्रोही ' तत्वों को कुचला जाये।
- क्षत्रिय वीर ज्योति ने राजपूत युवाओं का आव्हान किया है कि वे किसी भी राष्ट्रीय पार्टियों के जर खरीद मानसिक गुलाम राजनेताओं के झांसे में ना आये और अपनी जातिय भावनाओं का दोहन ऐसे समाजद्रोही संगठनों को ना करने दे |
- इसलिए पिछले 62 वर्षों से जनता की माँ ग के बावजूद आज तक गोहत्या पर अनिवार्य बंदी का कानून पारित नहीं हो सका है, जिसका लाभ वे समाजद्रोही तत्व सरलता से उठा लेते हैं जो हिंदू-मुस्लिम एकता के घोर विरोधी हैं।
- २ ०० ६ से २ ० १ २ के बीच ये तदर्थ समिति का खेल कई बार खेले लेकिन स्वार्थी गठबंधन में चलने के कारण कुछ ही दिन में उपरोक्त समाजद्रोही अपने-अपने स्वार्थ के कारण आपस में लड़ते भी रहे और टूटते रहे।
- खतरनाक मेरे लिए क्यों कि अनुभववादी, मनोगतवादी, प्रतिक्रियावादी, संशोधनवादी, समाजद्रोही, राष्ट्रद्रोही, साम्प्रदायिक, अश्लील...आदि टाइप की गालियों के मिलने की पूरी सम्भावना है और आप के लिए क्यों कि आप की संस्कारवान आँखों और मस्तिष्क को तेज़ झटके लगेंगे।
- एक समय था जब कि चींटी या खटमल के लिए अपने प्राणों को जोखिम में डालने वाला पुण्यात्मा होता था, एक समय है कि कौवों और बंदरों को रोटी खिलाने वाला समाजद्रोही गिना जाता है क्योंकि मानव के लिए रोटी की कमी है।
- ऐसे आक्रामक हिन्दुत्व में जो विश्वास न करता, उसने समाजद्रोही होना ही था, भले ही वह इतिहास का प्रोफेसर ही क्यों न होता! इस बात पर भी कोई ताज्जुब नहीं था कि उस साल शहर में नमाजी टोपियाँ भारी संख्या में दिखाई देने लगी थीं।
- ये इन मक्कार, पाखंडी, धूर्त और नकली, जातिवादी पंडों की काली करतूत ही थी कि इन्होने जबरन दूसरे धर्म को अपनाने वाले अपने हिन्दू भाइयों को हिन्दू धर्म में लेने से मना कर दिया और जिन धर्मवीर लोगों ने ऐसा किया इन अकल के दुश्मन, बदजात, देशद्रोही, समाजद्रोही और धर्मद्रोहियों ने उन लोगों को भी धर्म से ऐसे बाहर निकल फेंका जैसे कि हिन्दू धर्म इनके बाप, दादाओं ने इन्हें वसीयत में दिया था.
- लेकिन अगर कोई हमारा बिछुड़ा हुआ भाई जिसे सदियों पहले जबरन मुसलमान या इसाई बनाया गया था किसी भी हिन्दू धर्म के मंदिर में अपने पुरखों के धर्म में लौटने के लिए जाता है तो सबसे पहले तो ये मक्कार, लोभी, लम्पट, धूर्त, धर्मद्रोही, समाजद्रोही, राष्ट्रद्रोही जातिवादी उस भोले-भाले आदमी को ऐसी ख़राब और पैनी नज़र से देखते हैं कि जैसे उसने कोई समलैंगिक मजाक सुन लिया हो.