संवेदन हीनता sentence in Hindi
pronunciation: [ senveden hinetaa ]
"संवेदन हीनता" meaning in English
Examples
- ' यूँ तो हमारी संवेदन हीनता से हमारा साक्षात्कार प्रतिदिन किसी न किसी समाचार पत्र की सुर्खियाँ करवा ही देती हैं पर कुछ घटनाएँ ऐसी होती हैं कि पूरे समाज की मानवीय सोच पर ही प्रश्नचिन्ह लग जाता है ।
- संवेदन हीनता के चलते ऐसे ही पलता रहेगा कसाब देश में जब तक संवेदन हीनता और गैर जिम्मेदारी का दौर चलता रहेगा तब तक देश में आतंकवाद तो बढ़ता ही रहेगा साथ ही कसाब जैसे आतंकियों का पालन पोषण भी होता रहेगा.
- संवेदन हीनता के चलते ऐसे ही पलता रहेगा कसाब देश में जब तक संवेदन हीनता और गैर जिम्मेदारी का दौर चलता रहेगा तब तक देश में आतंकवाद तो बढ़ता ही रहेगा साथ ही कसाब जैसे आतंकियों का पालन पोषण भी होता रहेगा.
- त्रस्त किसान के भूखे पेट आगों का गरीब के एक या दो मंद चिरागों का भुखमरी, बेबसी पर संवेदन हीनता पर पड़े लिखे गरीब कवि की दीनता पर एक विचार एक सहमति का प्रयास जतन ‘ ' दीपक '' का दीपावली पर सबको नमन …….
- भारतीय जनता पार्टी शहर जिला अजमेर ने राज्य सरकार की संवेदन हीनता के चलते राज्य की विद्युत कम्पनियों द्वारा अप्रत्याशित रूप से विद्युत की दरों में की गयी मूल्य वृद्धि का कड़ा विरोध कर राज्य सरकार से इस मूल्य वृद्धि को तत्काल वापस लेने की मांग की है।
- सामने अस्पताल है अगर बीमार है तो वहां स्टाफ के नाते भर्ती कराया जा सकता था उन्हे वर्दी धारी या स्टाफ आफीसर जानकर ही सुरक्षित किया जा सकता था मगर पुलिस की संवेदन हीनता केवल जनता के लिए ही नही है आज पता चला अपने ही अधिकारी व स्टाफ के प्रति भी वर्रि्दधारियों का यही सलूक है ।
- आप के अभिनय में जो संवेदनहीनता या संवेदनशीलता उभर कर सामने आती है, उस संवेदन हीनता या संवेदनशीलता को उभारने में कवि पुत्र होना भी कहीं काम आता है क्या? कहूं कि कहीं कवि पिता की संवेदनशीलता के संस्कार को ‘ एक्सप्लायट ' करते हैं क्या आप अपने अभिनय में?-हिंदी साहित्य का, कविता का माहौल बचपन से ही मिला है।
- ३ ० बजे घर पहुंचा! अरबो रुपये का जो तेल दिल्ली की सडको पर बेकार गया वह हमारी सरकार की संवेदन हीनता थी! और शुरुआती प्रोटेस्ट एक सिविलाइज्द मैनर में चल रहे थे अराजक तत्वों को beech में इसी लिए घुसाया गया ताकि आन्दोलन को पत्री से उतारा जा सके अगर ये सख्त कानून लायेंगे तो इनके ज्यादातर नाते-रिश्तेदार तो गए samjho काम से
- मैं उनको घुमाने के लिए अटरिया माल (साउथ मुंबई) ले कर गया | वहां पर एक घटना घटी, जो मेरे लिए साधारण थी पर नानी जी के लिए असाधारण, मेरे लिए साधारण इसलिए थी क्यूंकि मैं शायद संवेदना हीन समाज का एक हिस्सा बन चुका हूँ या फिर ज्यादा समझदार हो चुका हूँ और समझता हूँ कि कभी कभी संवेदन हीनता भी बरतनी पड़ती है |
- स्वयं की प्रेरणा से ही कुछ कह सकने का साहस जुटा पाया हूँ! निश्चित ही संवेदना में स्वयं वेदना का मर्म नहीं हो सकता, लेकिन इसका अर्थ यह कदापि नहीं है की हम निरंतर संवेदन हीनता की ओर उन्मुख होते रहें! और स्वयं के कष्ट में न होने को संपूर्ण समाज के कष्टविहीन होने का पैमाना मान लें! क्या यह गर्दभ स्वभाव हम मनुष्यों के लिए उचित है?...