संदीप पाण्डे sentence in Hindi
pronunciation: [ sendip paaned ]
Examples
- फिल्म के बाद आयोजित परिचर्चा को संबोधित करते हुए मानवाधिकार कार्यकर्ता संदीप पाण्डे ने कहा कि पूर्वांचल में यह प्रयोग लम्बे समय से चल रहा है और इसे लगातार सरकार व प्रशासन द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा है।
- राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की 4 अप्रैल 2011 को लोकपाल बिल के मुद्दे पर बैठक होती है, जिसमें अरविन्द केजरीवाल, बड़े भूषण, संदीप पाण्डे, हर्ष मन्दर, संतोष मैथ्यू जैसे कई लोग शामिल होते हैं।
- शाम के समय में संदीप पाण्डे द्वारा दुष्यन्त और बल्ली सिंह चीमा की ग़जलों के गायन का लोगों ने लुत्फ़ उठाया साथ ही उच्च माध्यमिक विद्यालय तिलढुकरी के विद्यार्थियों ने केदारनाथ अग्रवाल के गीतों पर आधारित रंगमंचीय प्रस्तुति दी।
- मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित सामाजिक कार्यकर्ता संदीप पाण्डे ने कहा कि आतंकवाद के नाम पर गिरफ्तार मुस्लिम युवकों की रिहाई का वादा न निभा कर सपा सरकार ने साबित कर दिया है कि उसने महज वोटों के लिये मुसलमानों से वादा किया था।
- सिमी के शाहनवाज़ अली रेहान और “सामाजिक कार्यकर्ता” (?) संदीप पाण्डे ने इस कारवां को अपना नैतिक समर्थन दिया है, ये दोनों ही बांग्लादेश और मलेशिया जाकर यह कहने का जिगर नहीं रखते कि “वहाँ हिन्दुओं पर जो अत्याचार हो रहा है उसे बन्द करो…”।
- यही नहीं तमाम पाश्चात्य देशों में गाँधीवाद पर विस्तृत अध्ययन हो रहे हैं, तो भारत में सुन्दरलाल बहुगुणा, मेघा पाटेकर, अरूणा राय से लेकर संदीप पाण्डे तक तमाम ऐसे समाजसेवियों की प्रतिष्ठा कायम है, जिन्होंने गाँधीवादी मूल्यों द्वारा सामाजिक आन्दोलन खड़ा करने की कोशिशेंं कीं।
- यह अत्यन्त गंभीर प्रश्न है कि मेधा पाटकर, स्वामी अग्निवेश, प्रशांत भूषण तथा संदीप पाण्डे और इन्हीं के जैसे सैकड़ों लोग जिन्होंने सदैव साम्प्रदायिकता का विरोध किया और साम्प्रदायिक शक्तियों के निशाने पर रहे, वे किस प्रकार संघ की इस साजिश के शिकार होकर उनके खेमे में जा पहुंचे?
- यही नहीं तमाम पाश्चात्य देशों में गाँधीवाद पर विस्तृत अध्ययन हो रहे हैं, तो भारत में सुन्दरलाल बहुगुणा, मेघा पाटेकर, अरूणा राय से लेकर संदीप पाण्डे तक तमाम ऐसे समाजसेवियों की प्रतिष्ठा कायम है, जिन्होंने गाँधीवादी मूल्यों द्वारा सामाजिक आन्दोलन खड़ा करने की कोशिशें कीं।
- यही नहीं तमाम पाश्चात्य देशों में गाँधीवाद पर विस्तृत अध्ययन हो रहे हैं, तो भारत में सुन्दरलाल बहुगुणा, अन्ना हजारे, मेघा पाटकर, अरूणा राय से लेकर संदीप पाण्डे तक तमाम ऐसे समाजसेवियों की प्रतिष्ठा कायमहै, जिन्होंने गाँधीवादी मूल्यों द्वारा सामाजिक अन्दोलन खड़ा करने की कोशिशें कीं।
- पिछले कुछ वर्षों में मेधा पाटकर, संदीप पाण्डे, नर्मदा बाँध, कुडनकुलम और केजरीवाल जैसे आंदोलनों को देखकर भारत में केन्द्र और राज्य सरकारें सतर्क भी हुई हैं और उन्होंने उन देशों को इनकी रिपोर्ट देना शुरु कर दिया है, जहाँ से इनके चन्दे का पैसा आ रहा है।