विमलनाथ sentence in Hindi
pronunciation: [ vimelnaath ]
"विमलनाथ" meaning in Hindi
Examples
- उस समय इस मंदिर में विमलनाथ स्वामी की प्रतिमा थी, लेकिन अब मूलनायक के रूप में श्वेत पाषाण की राजा संप्रति के काल में बी ऋषभदेव भगवान की प्रतिमा विराजमान है.
- भास्कर न्यूज क्च बालोतरा श्री जैन श्वेतांबर विमलनाथ मंदिर ट्रस्ट एवं श्री ओसवाल समाज बालोतरा के संयुक्त तत्वावधान में 13 नवंबर से पांच दिवसीय रथ यात्रा जिनेंद्र महोत्सव का शुभारंभ स्थानीय महावीर चौक में साध्वी कल्पलता के सानिध्य में होगा।
- १: ऋषभदेव जी २: अजितनाथ जी ३: सँभवनाथ ४: अभिनन्दन जी ५: सुमतिनाथ जी ६: पद्मप्रभु जी ७: सुपार्श्वनाथ जी ८: चन्द्रप्रभु जी ९: सुविधिनाथ जी १०: शीतलनाथ जी ११: श्रेयांसनाथ जी १२: वासुपुज्य जी १३: विमलनाथ जी १४: अनन्तनाथ जी १५:
- १: ऋषभदेव जी २: अजितनाथ जी ३: सँभवनाथ ४: अभिनन्दन जी ५: सुमतिनाथ जी ६: पद्मप्रभु जी ७: सुपार्श्वनाथ जी ८: चन्द्रप्रभु जी ९: सुविधिनाथ जी १०: शीतलनाथ जी ११: श्रेयांसनाथ जी १२: वासुपुज्य जी १३: विमलनाथ जी १४: अनन्तनाथ जी १५: धर्म
- जिन २ ४ हुए हैं, जिनकी नाम ये हैं-ऋषभदेव, अजितनाथ, संभवनाथ, अभिनंदन, सुमतिनाथ, पद्मप्रभ, सुपार्श्व, चंद्रप्रभ, सुविधिनाथ, शीतलनाथ, श्रेयांस-नाथ, वासुपूज्य स्वामी, विमलनाथ, अनंतनाथ, धर्मनाथ, शांतिनाथ, कुंथुनाथ, अरनाथ, मल्लिनाथ, मुनिसुव्रत स्वामी, नमिनाथ, नेमिनाथ, पार्श्वनाथ, महावीर स्वामी ।
- शूकर-भगवान विमलनाथ के चरणों में शूकर का प्रतीक पाया जाता है | शूकर प्राय: मलिनता का प्रतीक है | ऐसे मलिन व्रत्ति वाला पशु विमलनाथ भगवान के चरणों में जाकर आश्रय लेता है तो वह शुकर 'वराह ' कहलाने लगता है | एक समय ऐसा आता है जब भगवान विष्णु भी वराह का रूप धारण कर दुष्ट राक्षसों का संहार करने लगते हैं | यह प्रभु का रूप स्वयं विष्णु धारण करते हैं | शुकर के जीवन से हमें द्रढता एवं सहिष्णुता का गुण ग्रहण करना चाहिए |
- शूकर-भगवान विमलनाथ के चरणों में शूकर का प्रतीक पाया जाता है | शूकर प्राय: मलिनता का प्रतीक है | ऐसे मलिन व्रत्ति वाला पशु विमलनाथ भगवान के चरणों में जाकर आश्रय लेता है तो वह शुकर 'वराह ' कहलाने लगता है | एक समय ऐसा आता है जब भगवान विष्णु भी वराह का रूप धारण कर दुष्ट राक्षसों का संहार करने लगते हैं | यह प्रभु का रूप स्वयं विष्णु धारण करते हैं | शुकर के जीवन से हमें द्रढता एवं सहिष्णुता का गुण ग्रहण करना चाहिए |
- (1) श्री ऋषभदेव भगवान (2) श्री अजितनाथ भगवान (3) श्री संभवनाथ भगवान (4) श्री अभिनंदनस्वामी भगवान (5) श्री सुमतिनाथ भगवान (6) श्री पद्यप्रभस्वामी भगवान (7) श्री सुपार्श्वनाथ भगवान (8) श्री चंद्रप्रभस्वामी भगवान (9) श्री सुविधिनाथ भगवान (10) श्री शीतलनाथ भगवान (11) श्री श्रेयांसनाथ भगवान (12) श्री वासुपूज्यस्वामी भगवान (13) श्री विमलनाथ भगवान (14) श्री अनंतनाथ भगवान (15) श्री धर्मनाथ भगवान (16) श्री शांतिनाथ भगवान (17) श्री कुंथुंनाथ भगवान (18) श्री अरनाथ भगवान (19) श्री मल्लिनाथ भगवान (20) श्री मुनिसुव्रतस्वामी भगवान (21) श्री नमिनाथ भगवान (22) श्री नेमिनाथ भगवान (23) श्री पार्श्वनाथ भगवान (24) श्री महावीरस्वामी भगवान