रावण संहिता sentence in Hindi
pronunciation: [ raaven senhitaa ]
Examples
- रावण संहिता में मेघनाथ को लेकर कई किवदंत कहानियां लिखी हुई है जिसके अनुसार भवगान शिव को प्रसन्न करने के लिए उनकी पुत्री कही जाने वाली माँ नर्मदा एवं सूर्य पुत्री माँ ताप्ती नदी के किनारे रावण और उसके पुत्र मेघनाथ ने काफी समय तक जटिल एवं कठिन तपस्याएं करके अपने तपबल के बल पर बहुत सारी सिद्घियां प्राप्त की थी.
- कर्म और पुरुषार्थ के नैतिक, धार्मिक और विवेकशील संस्कारों के बावजूद मैंने भी कीरो, सामुद्रिक, भृगु संहिता, रावण संहिता, लाल-पीली जैसी किताबों को पढ़ने का प्रयास किया है, किन्तु भाग्य-प्रारब्ध का मार्ग भूल-भुलैया है ही, ये मुझे फलित के बजाय भाषाशास्त्र के शोध का विषय जान पड़ती हैं, जिसमें अपना भविष्य खोजते हुए, भाषा में भटकने लगता हूं।
- आज हम आपको बता रहे हैं दशानन के ' रावण ' बनने की पूरी कहानी......... जब ' रावण ' ने की थी ' कैलाश ' में घुसने की कोशिश-' रावण संहिता ' में इस बात का जिक्र किया गया है कि एक बार दशानन अपने भाई ' कुबेर ' से पुष्पक विमान बल पूर्वक छीनने के बाद उस पर सवार होकर आकाश मार्ग से वनों का आनंद लेते हुए सैर करने लगा।
- फ्री वैदिक ज्योतिष सेवाऍ रावण संहिता, पराशर संहिता, लाल किताब, नारद संहिता, यवन जातक, गर्ग संहिता, मानसागरी, ताजिक नीलकण्ठी, मुहुर्त चिन्तामणि, लघु पाराशरी, मध्य पाराशरी, लोमश संहिता, जातकाभरणम इत्यादि ग्रन्थो के सहयोग से-मैं भास्कर शास्त्री छत्तीसगढ का ज्योति्षविद्यार्थी हूं, एवं ज्योतिष का कार्य मे विगत पांच वर्ष से कर रहा हूं, अगर आप को कोई समस्या है तो आप निम्न नंबर पर फोन कर सकते है!
- और बस यही नहीं अगले ब्लॉग में हम आपको सिद्ध नवग्रहों के यंत्रों के बारे में भी जानकारी देंगे और असली रावण संहिता के ज्योतिष खंड से उपलब्ध सभी ग्रहों के यंत्रो के आधार और उनके बारे में विस्तृत जानकारी भी देंगे और उन यंत्रों की सार्थकता भी बताएँगे साथ ही यदि कोई हमे इन यंत्रो की सार्थकता के बारे में चुनौती देगा तो हम उसे सहर्ष स्वीकार करेंगे! तो बस इन्तेजार कीजिये थोड़े समय का और पूरी जानकारी आपके सामने होगी
- खैर! कुछ दिन बाद मुझे एक ई मेल और मिली जिसमे एक दूसरे और असली वाले पाठक जी के बारें में जानकारी दी गई थी जानकारी देने वालें सज्जन थे दैनिक जागरण के राजापाकड संवाददाता श्री धनंजय मिश्र जी तब मुझे पता चला कि पहली वाली यात्रा का श्रम अकारथ ही गया है शिव शंकर पाठक सही बंदा नही था उसके बाद धनंजय मिश्र जी से फोन पर सम्पर्क हुआ तब उन्होने विस्तार से सब बताया कि श्री कामाख्या प्रकाश पाठक जी असली रावण संहिता के जानकार है।