रक्तहीन क्रांति sentence in Hindi
pronunciation: [ rekthin keraaneti ]
Examples
- अंतिम बार 1999 में जब आईएसआई के महानिदेशक को सेना प्रमुख बनाया गया था तब सेना ने एक रक्तहीन क्रांति के दौरान जनरल परवेज मुशर्रफ को फिर से पद पर बहाल कर दिया था।
- निचले पैदान पर जी रहे लोगो को जोड़ कर ही कोई आन्दोलन या क्रांति हो सकती है. उनको समय रहते ही संगठित करना होगा.भारत में रक्तरंजित क्रांति नहीं बल्कि रक्तहीन क्रांति की जरुरत है.
- ऐसा लगता था जैसे एक रक्तहीन क्रांति ने आकार धारण कर लिया है पर न तो वह आंदोलन सिरे चढ़ा और खुद बीमार जेपी ने जब मुंबई में आंखें मूंदीं तो वे सियासी तौर पर तन्हा थे।
- क्रांति! निचले पैदान पर जी रहे लोगो को जोड़ कर ही कोई आन्दोलन या क्रांति हो सकती है.उनको समय रहते ही संगठित करना होगा.भारत में रक्तरंजित क्रांति नहीं बल्कि रक्तहीन क्रांति की जरुरत है.
- लोकतंत्र के वर्तमान स्वरूप को स्थिर करने में चार क्रांतियों, 1688 की इंगलैंड की रक्तहीन क्रांति, 1776 की अमरीकी क्रांति, 1789 की फ्रांसीसी क्रांति और 19 वीं सदी की औद्योगिक क्रांति का बड़ा योगदान है।
- “तानाशाही से लोकतंत्र तक” एक बेस्टसेलर किताब है, इसके सिर्फ 93 पन्ने हैं और बर्मा से लेकर बोस्निया, मिस्र से लेकर जिम्बाब्वे तक हर देश के मामले में इसमें व्यवहारिक सुझाव दिए गए हैं कि कैसे एक रक्तहीन क्रांति हो सकती है.
- दर्द की हवा चलती है! क्रांति! निचले पैदान पर जी रहे लोगो को जोड़ कर ही कोई आन्दोलन या क्रांति हो सकती है.उनको समय रहते ही संगठित करना होगा.भारत में रक्तरंजित क्रांति नहीं बल्कि रक्तहीन क्रांति की जरुरत है.
- जिसका हरेक सिपाही अपने आप में एक सेनापति होगा …………. और यह तभी संभव हो पायेगा जब आप जैसे लोगो का साथ हो ………… तो तैयार रहिये दुनिया की सबसे बड़ी रक्तहीन क्रांति का हिस्सा बनने के लिए ……… बहुत जल्द ही सेना के संगठन के लिए आवाज दूंगा.
- इसका उदहारण भी इतिहास में मौजूद है मसलन इंगलैंड की रक्तहीन क्रांति, अमेरिकी क्रांति, फ्रांसीसी क्रांति, 19 वीं सदी की औद्योगिक क्रांति के आलावा इमरजेंसी के समय जय प्रकाश नारायण द्वारा चलायी गयी क्रांति जिन्होंने लोकतंत्र के मौजूदा स्वरूप को बनाने या कहें कि स्थिर करने में अपना अभूतपूर्व योगदान दिया.
- भारत ने कितने मौकों पर पाकिस्तान की तरफ सौहार्द, सद्भावना और दोस्ती का हाथ बढ़ाया! रक्तहीन क्रांति के जरिए सत्ता हथियाने के बाद जब जनरल परवेज मुशर्रफ को पूरी दुनिया ने दुत्कार दिया था तब तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उनकी सत्ता को मान्यता दी और विश्व राजनीति में उपेक्षित, राष्ट्रमंडल से निष्कासित पाकिस्तान धीरे.धीरे मुख्यधारा में लौटा।