मेजर शैतान सिंह sentence in Hindi
pronunciation: [ mejer shaitaan sinh ]
Examples
- कुंदन नगर स्थित मेजर शैतान सिंह छात्रावास में राठौड़ पहले ही अल्टीमेटम दे चुके हैं कि अगर पूर्व सभापति सुरेंद्र सिंह शेखावत और शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष महेंद्र सिंह रलावता चुनाव मैदान में नहीं उतरते हैं तो वह अजमेर उत्तर से ताल ठोकेंगे।
- सुबह 4: 35 बजे हुए उस हमले के उत्तर में मेजर शैतान सिंह, हवलदार राजकुमार, हरिराम, सूरजा, रामचंद्र, गुलाब सिंह, रामकुमार सिंह, फूलसिंह, जयनारायण, निहाल सिंह, हरफूल सिंह आदि ने अपनी प्लाटूनों सहित मोर्चा संभाल लिया...
- संचलन स्कूल प्रांगण से शुरू होकर भीनमाल बाइपास रोड, राजेन्द्र नगर, विवेकानंद स्मृति स्थल, मेजर शैतान सिंह मार्ग, भक्त प्रहलाद चौक, बड़ी पोल, कृष्ण चौक, सुभाष मार्केट, गांधी चौक से सूरज पोल होते हुए पुन: विद्यालय प्रांगण पहुंच सम्पन्न हुआ।
- उधर, युद्ध मैदानमें डटे मेजर शैतान सिंह ने 118 जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि “ यह हर सैनिक के जीवन का सर्वोत्तम क्षण है कि वे अपनी मातृभूमि की पवित्रता की रक्षा करें या दुश्मन से लड़ते-लड़ते अपने प्राणों को राष्ट्रहित में न्यौछावर कर दें... ”
- रेजांगला पोस्ट पर लड़ रहे वीरों के सामने परीक्षा की घड़ी 17 नवंबर की रात उस समय आई, जब तेज आंधी-तूफान के कारण रेजांगला की बर्फीली चोटी पर मेजर शैतान सिंह भाटी के नेतृत्व में मोर्चा संभाल रहे सी कंपनी से जुड़े इन 124 जवानों का संपर्क बटालियन मुख्यालय से टूट गया।
- रेजांगला पोस्ट पर दिखाई वीरता का सम्मान करते हुए भारत सरकार ने कंपनी कंमाडर मेजर शैतान सिंह को मरणोपरांत देश के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार पदक परमवीर चक्र से अलंकृत किया था तथा इसी बटालियन के आठ अन्य जवानों को वीर चक्र, चार को सेना मैडल व एक को मैंशन इन डिस्पेच का सम्मान दिया था।
- उस समय 17 हजार से 19 हजार फीट की उंचाई वाले रजान्गला दर्रे पर मेजर शैतान सिंह के नेतृत्व में 13 कुमाऊं की सी कंपनी तैनात थी जिसमें ३ पलटनें जवानों के पास ३ ० ३ रायफलें, ६ ०० राउंड प्रति जवान, ६ एल एम् जी और १ हजार ग्रेनेड तथा मोर्टार बम थे.
- 1962 में जब भारत और चीन युद्ध अपने चरम पर था, उस समय कवि प्रदीप द्वारा मेजर शैतान सिंह के अदम्य साहस, बहादुरी और बलिदान से प्रभावित हो एक गीत की रचना में व्यस्त थे, उस समय उनका लिखा गीत “ए मेरे वतन के लोगों, जरा आंख में भर लो पानी...” जब संगीतकार ए.रामचंद्रन के निर्देशन में एक प्रोग्राम में स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने सुनाया तो तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू भी अपने आंसू नहीं रोक सके थे।
- उस समय 17 हजार से 19 हजार फीट की उंचाई वाले रजान्गला दर्रे पर मेजर शैतान सिंह के नेतृत्व में 13 कुमाऊं की सी कंपनी तैनात थी जिसमें ३ पलटनें जवानों के पास ३०३ रायफलें, ६०० राउंड प्रति जवान,६ एल एम् जी और १ हजार ग्रेनेड तथा मोर्टार बम थे.१८ नवम्बर की सुबह शून्य से १२ डिग्री नीचे के हाड़ कंपा देने वाली सर्दी और भारी बर्फ़बारी वाले मौसम में चीनियों ने हमला किया,जो भारतीय जवानों की संख्या और संसाधनों में कई गुना थे.
- 1962 में जब भारत और चीन युद्ध अपने चरम पर था, उस समय कवि प्रदीप द्वारा मेजर शैतान सिंह के अदम्य साहस, बहादुरी और बलिदान से प्रभावित हो एक गीत की रचना में व्यस्त थे, उस समय उनका लिखा गीत “ ए मेरे वतन के लोगों, जरा आंख में भर लो पानी... ” जब संगीतकार ए.र ामचंद्रन के निर्देशन में एक प्रोग्राम में स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने सुनाया तो तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू भी अपने आंसू नहीं रोक सके थे।