मृच्छकटिकम sentence in Hindi
pronunciation: [ merichechhektikem ]
Examples
- हृषिकेश सुलभ ने मृच्छकटिकम का जो अनुवाद माटीगाड़ी नाम से किया था, उसका मंचन मेरे पटना पहुंचने से ठीक पहले हुआ था और उसकी चर्चा वर्ग संघर्ष के मुहावरों के साथ बहुत बाद तक सुनाई देती रही।
- इसके बाद संस्कृत के प्राचीन ग्रंथों जैसे कालिदास के शाकुंतलम-मेघदूतम-वात्सयायन की कामसूत्र-तथा मृच्छकटिकम आदि ग्रंथों में इन नृत्य का विवरण हमारी भारतीय संस्कृति की कलाप्रियता को दर्शाता है-जो कि आज भी अक्षुण्ण है।
- कहानी चाहे मृच्छकटिकम की हो या अभिज्ञान शाकुंतलम की, इन दोनों की ही कथावस्तु के केंद्र में आभूषण और स्त्री जरूर हैं, लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है कि स्त्री में आभूषण के प्रति बेतरह ललक दिखाई गई हो।
- हृषिकेश सुलभ ने मृच्छकटिकम का जो अनुवाद माटीगाड़ी नाम से किया था, उसका मंचन मेरे पटना पहुंचने से ठीक पहले हुआ था और उसकी चर्चा वर्ग संघर्ष के मुहावरों के साथ बहुत बाद तक सुनाई देती रही।
- लोकतत्वों से भरपूर मिर्जा शोहरत बेग (1960), बहादुर कलारिन (1978), चारूदत्त और गणिका वसंतसेना की प्रेम गाथा मृच्छकटिकम मिट्टी की गाडी (1978), पोंगा पंडित, ब्रेख्त के नाटक गुड वूमेन ऑफ शेत्जुवान पर आधारित शाजापुर की शांतिबाई (1978), गांव के नाम
- शूद्रक के मृच्छकटिकम् में नायक राजा न होकर निर्धन व्यक्ति चारुदत्त है और उस नाटक में राजा आर्यक का चरित्र अत्यन्त लचर है अतः ऐसा प्रतीत होता है कि शूद्रक के मृच्छकटिकम के समय तक रंगमंच जन-साधारण में पहुँच चुका था।
- शूद्रक के मृच्छकटिकम् में नायक राजा न होकर निर्धन व्यक्ति चारुदत्त है और उस नाटक में राजा आर्यक का चरित्र अत्यन्त लचर है अतः ऐसा प्रतीत होता है कि शूद्रक के मृच्छकटिकम के समय तक रंगमंच जन-साधारण में पहुँच चुका था।
- मृच्छकटिकम मिट्टी की गाडी (1978) में नटी और मैत्रेय की भूमिका में चुटीले संवादों से हास्य व्यंग की फुलझडी बिखेरने वाले एवं पोंगा पंडित में लोटपोट करा देने वाले पोंगा पंडित की भूमिका में निर्मलकर जी नें जान डाल दिया था ।
- प्राचीन संस्कृत काव्यों में विधि-निर्माताओं तथा न्यायाधिकारियों के गुणों एवं विशेषताओं, न्यायालयों के अन्य कर्मचारियों एवं न्यायालयों की कार्य पद्धतियों पर विस्तृत प्रकाश डाला गया है, इन प्राचीन काव्यों में कहीं-कहीं न्यायालयों में पक्षपात एवं भ्रष्टाचार का भी किसी सीमा तक संकेत है l ‘ मृच्छकटिकम ' प्रकरण में निर्दोष चारुदत्त पर चलाया गया अभियोग तथा उसके लिए मृत्यु दंड दिया जाना इसका उदाहरण है l
- देश के लगभग सभी मुख्य मंचों और आयोजनों के साथ-साथ दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अपनी अभिनय क्षमता का परचम फहराते हुए ' जिन लाहौर नई देख्या `, मुद्राराक्षस, वेणीसंहारम, मिड समर नाईटस् ड्रीम, चरणदास चोर, आगरा बाजार, देख रहे हैं नैन, ससुराल, राजरक्त, हिरमा की अमर कहानी, सड़क, मृच्छकटिकम जैसे नाटक में इनका अभिनय जिस तरह से जीवंत हुआ है वह किसी भी दर्शक के लिए अविस्मरणीय रहा है।