मुबारकां sentence in Hindi
pronunciation: [ mubaarekaan ]
Examples
- मुझको मालूम है तुम दोस्त नहीं, दुश्मन हो अपने खंजर को भला मुझसे छिपाते क्यूँ हो मुझको मालूम है तुम दोस्त नहीं, दुश्मन हो अपने खंजर को भला मुझसे छिपाते क्यूँ हो वाह धमकी का नया अंदाज मुबारकां
- मुझको मालूम है तुम दोस्त नहीं, दुश्मन हो अपने खंजर को भला मुझसे छिपाते क्यूँ हो मुझको मालूम है तुम दोस्त नहीं, दुश्मन हो अपने खंजर को भला मुझसे छिपाते क्यूँ हो वाह धमकी का नया अंदाज मुबारकां
- प्रेम की सुन्दर व्याख्या की आप ने-सच है प्रेम कोई बधन / डोरी नहीं की गाय बैल जैसा उसे कोई अकेले बाँध ले यह तो असीम है विस्तार है इसका सब के प्रति उमड़ना चाहिए-तब आनंद आएगा-सार्थक लेख मुबारकां.....
- अपनी थकी-मांदी पलकों पर रख छोड़ा था ओये होए.....ये ख़त कब से आने लगे हजूर....???? मनु जी आज तो मिट्ठू जान का राज खुल ही गया...वो दिल्ली से आते वक़्त की तन्हाई....मुबारकां जी मुबारकां....ख़त कीं....ख़त भी छाप दिया होता...
- मुबारकां जी मुबारकां-आप पिछले पाँच साल से जबरन लिखते आ रहे हैं, बहादुरी का इनाम तो वास्तव में आपको मिलना चाहिए; जीतू भाई से ले लिया जाए उन्होंने आपके लिए मंगवा के रखा हुआ है, ऐसा वो पिछले सप्ताह चैट पर बता रहे थे।
- मुबारकां जी मुबारकां-आप पिछले पाँच साल से जबरन लिखते आ रहे हैं, बहादुरी का इनाम तो वास्तव में आपको मिलना चाहिए; जीतू भाई से ले लिया जाए उन्होंने आपके लिए मंगवा के रखा हुआ है, ऐसा वो पिछले सप्ताह चैट पर बता रहे थे।
- क्या बात है हूजुर, वागर्थ, चौलेट, डीवीडी, सभी के लिए मुबारकां, वेसे यह ग़ज़ल मैं कहीं पढ़ चुका हूँ कहाँ पढा है ये याद नहीं आरहा है या तो किसी पत्रिका???? खैर इस नायाब ग़ज़ल के लिए तारीफ करने के लिए तो शब्द धुन्धने पड़ रहे हैं...
- हरकीरत जी के कमेन्ट से मालूम पड़ा की जनाब का जनम दिन भी था लेकिन कब था इसका हमें अंदाज़ा नहीं था चलो कोई बात नहीं देर आये दुरुस्त आये वाली कहावत मानते हुए अब कह देते हैं...“ मुबारकां जी जनम दिन दियां लख लख मुबारकां....ज्युन्दे रवो ते दिलकश गज़लां लिखते रवो ” नीरज
- ओये झाल्लेया मुबारकां +वधाइयां+कंग्रेचुलेशना |ओये हसाडे सोणे ते मन मोहणे पी एम् ने नियुयोर्क में सबको बता दिया है कि अब हमारी अर्थ व्यवस्था इतनी मज़बूत हो गई है कि अब हम पूरे विश्व के अर्थ व्यवस्था को सपोर्ट कर सकते हैं | ओये हुन ते हो जायेगी बल्ले बल्ले अगले चुनावों में सब होंगे थल्ले थल्ले |
- कोमल जी सदर अभिवादन जल्द ही मार्केट में हँसी की गोलिया और केप्सूल और इंजेक्सन आने वाले है में तो सोच रहा हु की इनकी एजेंसी ले लूँ क्यों की फ्यूचर में उन्मुक्त हँसी ना पैद होने वाली है रोज़ रोज़ हो रही अपराधिक घटनाये बता रही है की या तो हँसी कुछ मुट्ठी भर लोगो की जागीर है या अखबारों की सुर्खिया? बढ़िया है मुबारकां?