मानवीय आचरण sentence in Hindi
pronunciation: [ maaneviy aachern ]
"मानवीय आचरण" meaning in English
Examples
- कुदरत के द्वारा मनुष्य को भोजन देने में कोई कमी कसर नहीं की है, मगर कुछ मनुष्य उसे अंधेरे कोने में छिपाकर मनुष्य को ही देने से वंचित कर देते हैं, इसलिए कि वह धन कमाना चाहता है, यह मानवीय आचरण नहीं है।
- गढ़वाली-कुमाउंनी लोक गीतों में अधिसंख्य लोक गीतों में भगवान और देवी-देवता मानवीय आचरण निभाते हैं जैसे-खेल गिंदवा … ' जागर लोक गीत में कृष्ण का चरवाहा वाला रूप या नंदा जात जागर लोक गीतों में नंदा और शिव आम मनुष्यों की तरह वर्ताव करते हैं ।
- -दोनों सिंहों के बीच स्थित दो रंगों वाला घूमता हुआ रत्न सही नैतिक आचरण रखने के लिए लोगों के द्वारा आत्मअनुशासन का संरक्षण करने और हृदय में बनाए रखने के प्रयास को व्यक्त करता है, जो प्रमुख रूप से दस उन्नत सदगुणों और १६ मानवीय आचरण द्वारा प्रकट होता है।
- भारतीय साक्ष्य अधि0 की धारा-114 में प्राविधान है-धारा-114भा0साक्ष्य अधि0 के अनुसार न्यायालय ऐसे किसी तथ्य का अस्तित्व उपधारित कर सकेगा, जिसका घटित होना उस विशिष्ट मामले के तथ्यों के संबंध में प्राकृतिक घटनाओं, मानवीय आचरण तथा लोक और प्राईवेट कारबार के सामान्य अनुक्रम को ध्यान में रखते हुए सम्भाव्य समझता है।
- जिस संसार में कुत्ते-बिल्लियों, पशु-पक्षियों तक के प्रति सम्यक संवेदनापूर्ण मानवीय आचरण की अपेक्षा की जाती है, उस संसार में स्त्री-जीवन के ये सच आप-हम को क्यों नहीं रुलाते? क्यों नहीं झूठे थोथे अंहकार को त्याग कर सब अधिक मानवीय बन स्त्री-मुक्ति के अभियान में स्वयं भी जुट जाते?
- ' … इसी में आगे लिखा गया है कि लोग मानने को तैयार हों तो मैनेजर पांडेय द्वारा लिखे निबंधों को केवल आलोचना नहीं, रचना की तरह ही पढ़ा जाए क्योंकि उनका कोई भी लेखन समकालीन नागरिक जीवन की बारीक समझ, सामाजिक विकास पद्धति के दौरान मानवीय आचरण की सहजता-जटिलता …… की गंभीरता से परिचित होकर ही कोई नागरिक मनुष्यता की पहचान कर पाएगा।
- रचनाओं की समालोचना करते समय नागरिक जीवन की सहज वृत्तियों को सामने रखा। ' … इसी में आगे लिखा गया है कि लोग मानने को तैयार हों तो मैनेजर पांडेय द्वारा लिखे निबंधों को केवल आलोचना नहीं, रचना की तरह ही पढ़ा जाए क्योंकि उनका कोई भी लेखन समकालीन नागरिक जीवन की बारीक समझ, सामाजिक विकास पद्धति के दौरान मानवीय आचरण की सहजता-जटिलता……की गंभीरता से परिचित होकर ही कोई नागरिक मनुष्यता की पहचान कर पाएगा।
- वे प्रेम करते हैं, सौन्दर्य के जिज्ञासु हैं और उस पर मन प्राण से न्यौछावर हो जाते हैं, मगर उनके भीतर एक संवेदनशील, करुणावान और हर स्थिति में एक स्वाभाविक व मानवीय आचरण करनें वाला इन्सान है जो कभी जेल के एकान्त में जागती आँखों के साथ अपनें बच्चे के साथ अपने बच्चे की नींद में शामिल होकर उसके साथ सपने देखता है......कभी ख़ुद सरदार व सुल्ताना दुनिया के सारे प्रेम करनें वालों के प्रतीक बन जाते हैं।'
- माननीय उच्चतम न्यायालय ने उपर्युक्त न्यायदृष्टान्तों में यह कहा है कि यदि टेªप सम्बन्धी मामला में घटनाक्रम, मानवीय आचरण एवं अन्य परिस्थितियों को देखते हुये तथ्यों के आधार पर यह निष्कर्ष निकलता है कि अभियुक्त ने वैध परितोषण से भिन्न राशि प्राप्त की और इस सम्बन्ध में उसने कोई समुचित स्पष्टीकरण नहीं दिया है तो उससे बरामद हुई राशि के आधार पर उसके विरूद्ध यह उपधारणा धारित की जा सकती है कि उसने ऐसी राशि अवैध परितोषण के रूप में प्राप्त की।