माधव सदाशिव गोलवलकर sentence in Hindi
pronunciation: [ maadhev sedaashiv gaolevlekr ]
Examples
- हेडगेवार तो फिर भी क्रांतिकारियों और अहिंसक असहयोग आंदोलनकारियों में रहे दूसरे सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर तो ऐसे हिन्दू राष्ट्रनिष्ठ थे कि राष्ट्रीय आंदोलन, क्रांतिकारी गतिविधियों और ब्रिटिश विरोध से उनने संघ और स्वयंसेवकों को बिल्कुल अलग कर लिया.
- आरएसएस के तत्कालीन सर संघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर की नागपुर के भारत पब्लिकेशन्स से प्रकाशित किताब, “वी आर अवर नेशनहुड डिफाइंड” के 1939 संस्करण के पृष्ठ 37 पर श्री गोलवलकर ने लिखा है कि हिटलर एक महान व्यक्ति है और उसके काम से हिन्दुस्तान को बहुत कुछ सीखना चाहिए और उसका अनुसरण करना चाहिए.
- जैन लिखते हैं, `सौभाग्य से मैं कुछ गोपनीय खुफिया दस्तावेज देख सका जो पुख्ता तौर पर यह इशारा करते थे कि भले ही तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने सीधे तौर पर आरएसएस को फंसाया नहीं था लेकिन तत्कालीन आरएसएस संघसंचालक माधव सदाशिव गोलवलकर इस घटना के किसी भी तरह खिलाफ नहीं थे।
- सौभाग्य से मैं कुछ गोपनीय खुफिया दस्तावेज देख सका जो पुख्ता तौर पर यह इशारा करते थे कि भले ही तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने सीधे तौर पर आरएसएस को (इस मामले में) फंसाया नहीं था लेकिन तत्कालीन आरएसएस संघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर इस घटना के किसी भी तरह खिलाफ नहीं थे।
- जैन लिखते हैं, ”सौभाग्य से मैं कुछ गोपनीय खुफिया दस्तावेज देख सका जो पुख्ता तौर पर यह इशारा करते थे कि भले ही तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने सीधे तौर पर आरएसएस को फंसाया नहीं था लेकिन तत्कालीन आरएसएस संघसंचालक माधव सदाशिव गोलवलकर इस घटना के किसी भी तरह खिलाफ नहीं थे।
- जैन लिखते हैं, ” सौभाग्य से मैं कुछ गोपनीय खुफिया दस्तावेज देख सका जो पुख्ता तौर पर यह इशारा करते थे कि भले ही तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने सीधे तौर पर आरएसएस को फंसाया नहीं था लेकिन तत्कालीन आरएसएस संघसंचालक माधव सदाशिव गोलवलकर इस घटना के किसी भी तरह खिलाफ नहीं थे।
- आरएसएस के तत्कालीन सर संघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर की नागपुर के भारत पब्लिकेशन्स से प्रकाशित किताब, “ वी आर अवर नेशनहुड डिफाइंड ” के 1939 संस्करण के पृष्ठ 37 पर श्री गोलवलकर ने लिखा है कि हिटलर एक महान व्यक्ति है और उसके काम से हिन्दुस्तान को बहुत कुछ सीखना चाहिए और उसका अनुसरण करना चाहि ए.
- बहुसंख्यकों के विरुद्ध हल मे विष-वमन करने वाले लेखको मे ज्योतिर्मय शर्मा कि “ वाइकिंग ” नमक प्रकाशन गृह द्वारा छपी पुस्तक “ टेरिफ़ाइंग विजन ” शायद सबसे आगे है जिनहोने हिन्दू राष्ट्रवाद कि अवधारणा कि निंदा करते हुए चिरपरिचित मार्क्सवादी शब्दावली प्रयुक्त कि है संघ के द्वितीय सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर पर उंगली उठाने के साथ-साथ इस लेखक ने तथ्यो और सदर्भों को सुविधानुसार कुटिलता के साथ तोड़ा मरोड़ा है ।
- लेकिन बात बनती नहीं क्योंकि जैसे ही आर एस एस वाले महात्मा गाँधी को अपनाने की कोशिश करते हैं, कहीं से कोई आदमी आर एस एस के तत्कालीन सर संघचालक, माधव सदाशिव गोलवलकर की नागपुर के भारत पब्लिकेशन्स से प्रकाशित किताब, “ वी, आर अवर नेशनहुड डिफाइंड ” के 1939 संस्करण के पृष्ठ 37 का अनुवाद छाप देता है जिसमें श्री गोलवलकर ने लिखा है कि हिटलर एक महान व्यक्ति है और उसके काम से हिन्दुस्तान को बहुत कुछ सीखना चाहिए और उसका अनुसरण करना चाहिए.