भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र sentence in Hindi
pronunciation: [ bhaaretiy anetrikes anusendhaan kenedr ]
"भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र" meaning in Hindi
Examples
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र ' इसरो' के चार चरणों वाले ३१६ टन वजनी और ४४.४ मीटर लंबा अंतरिक्ष यान चंद्रयान प्रथम के साथ ही ११ और उपकरण एपीएसएलवी-सी११ से प्रक्षेपित किए गए जिनमें से पाँच भारत के हैं और छह अमरीका और यूरोपीय देशों के।
- श्रीहरिकोटा स्थित ' भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र ' के एक उच्च अधिकारी ने आईएएनएस के साथ फोन पर हुई बातचीत में बताया, '' कोर अलोन पोलर सेटेलाइट लांच व्हीकल (पीएसएलवी) द्वारा इजरायली उपग्रह ' पोलारिस ' को सुबह 9 बजकर 15 मिनट पर लांच किया गया।
- इनसेट-3 डी के एरियन-5 से अलग होने के तत्काल बाद उपग्रह का सौर पैनल स्वत: सक्रिय हो गया और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र [इसरो] के कर्नाटक के हासन जिला स्थित मास्टर कंट्रोल रूम फैसिलिटी [एफसीएफ] ने अंतरिक्षयान का नियंत्रण हासिल कर लिया।
- लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने स्वदेशी प्रक्षेपण अभियान की कामयाबी पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) के वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए मंगलवार को कहा कि इस मिशन की कामयाबी से यह साबित हो गया है कि हमारे देश की प्रतिभाएं किसी से कम नहीं हैं।
- लखनऊ | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने स्वदेशी प्रक्षेपण अभियान की कामयाबी पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) के वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए मंगलवार को कहा कि इस मिशन की कामयाबी से यह साबित हो गया है कि हमारे देश की प्रतिभाएं किसी से कम नहीं हैं।
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) द्वारा पीएसएलवी सी-18 यान से कुल चार सैटेलाइट अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित किए गए, जिनमें भारत-फ्रांस सहयोग से निर्मित ‘ मेघा ट्रापिक्स ', लक्समबर्ग का ‘ बेसेलसैट ', आईआईटी, कानपुर का ‘ जुगनू ' तथा चेन्नई के एक निजी विश्वविद्यालय एसआरएम का ‘ एसआरएम सैट ' है।
- चंद्रमा के अनसुलझे रहस्यों की परत खोलने के लिए पहली बार भारत की ओर से भेजे गए चंद्रयान-प्रथम अभियान की भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र [इसरो] ने भले ही समय से पूर्व समाप्ति की घोषणा कर दी हो, लेकिन विषय विशेषज्ञों का मानना है कि देश के गौरवपूर्ण इस अभियान ने न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए संभावनाओं का अनंत आकाश फैला दिया।
- इंदौर / रतलाम। पूर्व राष्ट्रपति व मिसाइलमैन एपीजे अब्दुल कलाम से हुई मुलाकात ने मलय सोनटक्के के दिमाग पर ऐसा असर डाला कि उस पर अंतरिक्ष विज्ञानी बनने का जुनून सवार हो गया। मलय ने इसी जुनून की बदौलत भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) में छलांग लगाई है। उनका चयन इसरो संचालित इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी (आईआईएसटी) में हुआ है। राष्ट्रीय स्तर पर सातवें स्थान पर रहे मलय के जूनियर साइंटिस्ट बनने की राह आसान हो गई है। मलय उपलब्धि हासिल करने वाले रतलाम के पहले स्टूडेंट हैं। वे 10 अगस्त को ज्वाइन करेंगे।