बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण sentence in Hindi
pronunciation: [ bimaa viniyaamek aur vikaas peraadhikern ]
Examples
- बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण [आईआरडीए] ने साफ कर दिया है कि साधारण बीमा कारोबार में प्रतिस्पद्र्धा को देखते हुए प्रीमियम की राशि का एक बड़ा हिस्सा बतौर कमीशन देने की छूट नहीं दी जा सकती, क्योंकि इससे अंतत: ग्राहकों को ही नुकसान होता है।
- हैदराबाद 16 सितम्बर न्यूज़ आज: वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को बीमा क्षेत्र के नियामक ' बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण ' (इरडा) की बीमा कोष प्रणाली को लांच किया और सभी बीमा योजनाओं को डिजिटल रूप देने को बाध्यकारी बनाने की प्रेरणा........
- आईआरडीए अधिनियम, 1999 के प्रावधानों के अनुसार, 19 अप्रैल, 2000 को बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) की स् थापना की गई जिसका उद्देश् य बीमा पॉलिसीधारकों के हितों की रक्षा करना तथा बीमा उद्योग के व् यवस्थित विकास को विनियमित, संर्वधन तथा सुनिश्चित करना था।
- “बीमा संग्राहक से तात्पर्य है एक कंपनी जिसे कंपनी अधिनियम, 1956 (1956 का 1) के तहत जटिल और पंजीकृत किया गया है और जिसे बीमा कर्ता की ओर से इलेक्ट्रिक फॉर्म में बीमा पॉलिसी के आंकड़े का रख-रखाव करने के लिए बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) द्वारा पंजीकरण का प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है।
- चालू वित्त वर्ष 2007-0 8 के दौरान बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण ने साधारण बीमा क्षेत्र को टैरिफ मुक्त करने, 1 अप्रैल, 2007 से प्रभावी मोटर पुल के निर्माण, लघु बीमा विनियमनों के क्रियान्वयन एवं ग्रामीण व सामाजिक क्षेत्रों से जुड़े दायित्वों को पूरा करने के लिए संशोधन करने की प्रक्रिया को आगे बढाया है ।
- बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम, 1999:-बीमा पॉलिसी धारकों के हितों की रक्षा करने के लिए, बीमा उद्योग के व्यवस्थित विकास को विनियमित, संवर्धित और सुनिश्चित करने के लिए और उनसे जुड़े मुद्दों के संबंध में तथा साथ ही बीमा अधिनियम, 1938 जीवन बीमा निगम अधिनियम, 1956 और साधारण बीमा कारोबार (राष्ट्रीकरण) अधिनियम 1922 में संशोधन करने के लिए एक प्राधिकरण की स्थापना का प्रावधान करने हेतु बनाया गया अधिनियम।
- बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम, 1999:-बीमा पॉलिसी धारकों के हितों की रक्षा करने के लिए, बीमा उद्योग के व् यवस्थित विकास को विनियमित, संवर्धित और सुनिश्चित करने के लिए और उनसे जुड़े मुद्दों के संबंध में तथा साथ ही बीमा अधिनियम, 1938 जीवन बीमा निगम अधिनियम, 1956 और साधारण बीमा कारोबार (राष् ट्रीकरण) अधिनियम 1922 में संशोधन करने के लिए एक प्राधिकरण की स् थापना का प्रावधान करने हेतु बनाया गया अधिनियम।