बालकृष्ण राव sentence in Hindi
pronunciation: [ baalekrisen raav ]
Examples
- एकाध शब्द पढ़ा नहीं जाता-यथोक्तं तत्रभवता श्रीकृष्णेन “ सहजं कर्म कौन्तेय सदोषमपि न त्यजेत्. ''... अतः यथानिश्चितं सम्यग् विचारणानंतरं यथाऽदिष्टम् अन्तःकरणेन तथैव कर्तव्यम्. आगे लिखा है: ‘‘ शुभं भवतु. ” हस्ताक्षर बालकृष्ण राव: (26.10.74.)
- इस सुरुचि को वे अपने जीवन में संभवतः उस हद तक नहीं ला सके थे जैसा बालकृष्ण राव या अज्ञेय के जीवन में उन्होंने देकी थी-अतः एक कविता में वे कहते भी हैं-जो नहीं है, जैसे कि सुरुचि, वह नहीं है, उसका ग़म क्या।
- अन्य कवियों में गुरुभक्त सिंह ' भक्त ', श्यामनारायण पांडेय, विद्यावती ' कोकिल ', सुमित्राकुमारी सिन्हा, आरसी प्रसाद सिंह, गोपालशरण सिंह ' नेपाली ', अनूप शर्मा, हरिकृष्ण प्रेमी, पद्मसिंह शर्मा ' कमलेश ', बालकृष्ण राव, हंसकुमार तिवारी, रमानाथ अवस्थी आदि हैं।
- पहले कविता संग्रह ' अक्षरों का विद्रोह ' के प्राक्कथन में बालकृष्ण राव के शब्दों में, ' रामदेव आचार्य को भीड़ से डर नहीं लगता, अपनी विशिष्टता को गंवा देने की आशंका से वे व्याकुल नहीं हैं, भीड़ में खो जाने के भय से रात भर जागते नहीं रहते।
- जबकि बालकृष्ण राव, शमशेर बहादुर सिंह, गिरिजाकुमार माथुर, कुँवरनारायण सिंह, धर्मवीर भारती, प्रभाकर माचवे, विजयदेवनारायण साही, रघुवीर सहाय आदि कवि की संवेदनाएँ और अनुभूतियाँ शहरी परिवेश की हैं तो दूसरी ओर भवानीप्रसाद मिश्र, केदारनाथ सिंह, शंभुनाथ सिंह, ठाकुरप्रसाद सिंह, नागार्जुन, केदारनाथ अग्रवाल आदि ऐसे कवि हैं जो मूलतः गाँव की अनुभूतियाँ और संवेदना से जुड़े हैं।