फ़ालतू का sentence in Hindi
pronunciation: [ faletu kaa ]
"फ़ालतू का" meaning in English
Examples
- स्नैपशॉट-विचार बढ़िया है, परंतु है यह बहुत ही कष्टकारी, बहुत ही डिस्ट्रैक्टिंग, बेकार, नेटवर्क पर फ़ालतू का बोझा डालने वाला, और (मेरे जैसे) उपयोक्ता के किसी काम का नहीं.
- मेरे दोस्त को मालूम नहीं है मेरे इस क्रिकेट के शौक के बारे में तो उसने चुटकी लेते हुए कहा-भाई, कभी खेला है जो फ़ालतू का स्टाइल मार रहा है..
- अब क्रेडिट कार्ड का बिल देखते हैं तो बिल की रकम कुछ ज्यादा ही लगती है परंतु जब एक एक ट्रांजेक्शन देखते हैं, तो पता चलता है कि फ़ालतू का खर्च कुछ भी नहीं है जिसे अगले महीने से ना किया जाये ।
- यहाँ तक कि घर के कामों में भी और बाहर के कामों में भी हाथ बटाने की क्रिया को जारी रखा, कार्य और मकान जायदाद बनाने के अलावा और कुछ समझ में ही नही आया, कभी फ़ालतू का समय बच गया तो जनता ने भी अपने लिये सहायतायें ली।
- उसने तो पाला हुआ है ना जो तुम्हें बारंबार फोन करता है “... ” मुझे क्या पता?... कहीं से नम्बर मिल गया होगा “... ” पता नहीं लोगों को क्या मिल जाता है ऐसे ही बेकार में फ़ालतू का वक्त बर्बाद कर के “... ” अच्छा...
- मेरा आप सभी हिन्दुस्थानियों से निवेदन है कि-नकली कैलेण्डर के अनुसार नए साल पर, फ़ालतू का हंगामा करने के बजाये, पूर्णरूप से वैज्ञानिक और भारतीय कलेंडर (विक्रम संवत) के अनुसार आने वाले नव वर्ष प्रतिपदा पर, समाज उपयोगी सेवाकार्य करते हुए नवबर्ष का स्वागत करें.....!!
- ओह मुझे लगता है कि यहाँ आपको लगता है कि आप बहुत ही विद्वान हैं और अपने धन को बहुत अच्छे से प्रबंधन कर रहे हैं, आपसे अच्छा प्रबंधन कोई कर ही नहीं सकता है, ये वित्तीय प्रबंधन करने वाले लोग तो फ़ालतू का शुल्क ले लेते हैं, या फ़िर अगर कोई वित्तीय प्रबंधक ज्यादा शुल्क लेता है तो कम शुल्क वाले वित्तीय प्रबंधक को ढूँढ़ते हैं।
- ओह मुझे लगता है कि यहाँ आपको लगता है कि आप बहुत ही विद्वान हैं और अपने धन को बहुत अच्छे से प्रबंधन कर रहे हैं, आपसे अच्छा प्रबंधन कोई कर ही नहीं सकता है, ये वित्तीय प्रबंधन करने वाले लोग तो फ़ालतू का शुल्क ले लेते हैं, या फ़िर अगर कोई वित्तीय प्रबंधक ज्यादा शुल्क लेता है तो कम शुल्क वाले वित्तीय प्रबंधक को ढूँढ़ते हैं।
- मैंने उनको सिर्फ यही सलाह दी थी की आप नवयुअक है आपको तो बहुत से विषय पड़े है उनपे लिखना चाहिए न की धर्म की पैरवी करनी चहिये...सभी तथा अपने धर्म की इज्जत करिये बस...धर्म पर फ़ालतू का लेख लिखने से न धर्म का कुछ होगा न आपका हाँ मगर कुछ बेहूदे लोग बेहूदी बात जरूर करेंगे......मै सिर्फ इतना कहूँगा किसी भी धर्म में अनैतिकता का पक्ष नहीं लिया गया है...
- दीपेन्द्र, अपने-अपने उसूल हैं...मुझे भी और बहुत से लोगों की तरह आत्मसम्मान बहुत प्रिय है...एक फ़ालतू का इंसान मुझे अपशब्द बक जाए और मैं चुप रह जाऊं जबकि मेरी कोई गलती भी न हो तो मैं खुद को बेचैन सा महसूस करने लगता हूं...आखिर कोई मुझे अपशब्द कह गया और मैंने उसे कुछ भी नहीं कहा तो इसका मतलब तो मुझे जंग लगता जा रहा है...नहीं नहीं जब तक जान में जान है आत्मसम्मान को सुरक्षित रखा जाएगा...