प्रिय प्रवास sentence in Hindi
pronunciation: [ periy pervaas ]
Examples
- ने कहा कि पंडित अयोध्या सिंह उपाध्याय ' हरिऔध ' जी द्वारा रचित खड़ी बोली के प्रथम महाकाव्य ' प्रिय प्रवास ' का इस समय शताब्दी वर्ष भी मनाया जा रहा है, ऐसे में डाक विभाग द्वारा उन पर विशेष आवरण जारी किया जाना एक महत्वपूर्ण कदम माना जाना चाहिए।
- सो, प्रकृति समय से पहिले ही सामने आगई! ' हरिऔध ' के ' प्रिय प्रवास ' की कुछ श्रृंगारिक पंक्तियों में वर्णित परिदृश्य ढड़वा के लिए मृत्यु पूर्व आभास (premonition) के रूप में सामने आया-' दिवस का अवसान समीप था, गगन था कुछ लोहित हो चला, तरु शिखा पर थीं राजती, कमलिनी-कुल-वल्लभ की प्रभा ।
- प्रिय प्रवास ' के यशस् वी कवि अयोध् यासिंह उपाध् याय ' हरिऔध ' ने इस शताब् दी के दूसरे दशक के मध् य में ' कबीर वचनावली ' (1916) नाम से कबीर के वचनों का एक संक्षिप् त संकलन अच् छी-खासी भूमिका के साथ संपादित किया था और उसने कबीर की ओर साहित् य-प्रेमियों का ध् यान भी आकृष् ट किया, किंतु वह पुस् तक साहित् य में कबीर को प्रतिष्ठित करने में समर्थ न हो सकी।
- ' ‘ इस प्रकाशन संस्थान ने भारतेंदु हरिश्चंद्र, पंडित प्रताप नारायण मिश्र, पंडित अम्बिका दत्त व्यास, पंडित शीतला प्रसाद त्रिपाठी, भारतीय सिविल सेवा में हिंदी के प्रतिष्ठापक फ्रेडरिक पिंकाट, आधुनिक हिंदी खड़ी बोली के प्रथम महा काव्य प्रिय प्रवास के प्रणेता पंडित अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘ हरिऔंध ', पंडित दामोदर शास्त्री सपे्र, लाल खड्ग बहादुर मल्ल, शिव नंदन सहाय प्रभृति साहित्यकारों को प्रकाशकीय संरक्षण प्रदान किया और उनकी कृतियों के प्रकाशन पर मुक्तहस्त से व्यय किया।