प्रतिशोध लेना sentence in Hindi
pronunciation: [ pertishodh laa ]
"प्रतिशोध लेना" meaning in English "प्रतिशोध लेना" meaning in Hindi
Examples
- महिलाओ के प्रति बुरा विचार दुर्भाव युक्त सोच और निरादर का पुरजोर विरोध और ऐसी मानसिकता की आलोचना होनी ही चाहिए लेकिन ऐसे विचारों को पूरे पुरूष समाज के विचार कहकर प्रतिशोध लेना कहां तक न्याय संगत है?
- मैं यह नाटक नहीं कर सकता कि ग्रेबैक के मुक़ाबले मेरे तर्क ज़्यादा सफल हो रहे हैं, जो इस बात पर ज़ोर देता है कि हम नरभेड़िए खून के हक़दार है और हमें सामान्य लोगों से प्रतिशोध लेना चाहिए ।'
- फ़िरदौसी पर शोध करने वाले तत्कालीन शोधकर्ता डाक्टर इस्लामी नदूशन का मानना है कि इस प्रकार वह (इस्फ़ंदयार) अपने पुत्र के लिए राजशाही रुस्तम के हाथों सुनिश्चित करना चाहता है और इसी प्रकार अपने पिता का अपमान करते हुए उससे प्रतिशोध लेना चाहता है।
- ' ' '' चुप रहो, महानाविक! क्या मुझे निस्सहाय और कंगाल जानकर तुमने आज सब प्रतिशोध लेना चाहा? '' '' मैं तुम्हारे पिता का घातक नहीं हूँ, चंपा! वह एक दूसरे दस्यु के शस्त्र से मरे! '' '' यदि मैं इसका विश्वास कर सकती।
- जैक बेउर का ज़िम्मा सेनेटर डेविड पाल्मर को उनकी हत्या के षड्यंत्र से बचाना है और साथ ही अपने परिवार की भी उनसे रक्षा करनी है जो जैक और डेविड के बाल्कांस में अमेरिका द्वारा किए गए गुप्त मिशन का हिस्सा होने के कारण उन दोनों से प्रतिशोध लेना चाहते है।
- और एक मज़हरे रह्मतूल लिल आलामीन थें, इस्लाम न्याय क़ायेम करना, अत्व्याचारी के अत्याचार को विरत करना, अपरों को अच्छा परामर्श देना, नसीहत करना, क्षमा करना, यह सब आपके भीतर मौजूद थी, और न किसी प्रकार का प्रतिशोध लेना और ना बुग्ज़ व हस्द आपके अन्दर उपस्थित थी।
- राम ने शूर्पनखा के प्रणय निवेदन को ठुकराया, वहाँ तक तो ठीक है, लेकिन उसे लक्ष्मण के पास प्रणय प्रस्ताव ले कर जाने और बाद में नाककान काट लेने का भद्दा मजाक और दुव्र्यवहार करने का क्या औचित्य था? रावण यदि इसी स्तर पर प्रतिशोध लेना चाहता तो सीता की शील रक्षा असंभव थी ।
- क्या वे शारीरिक रूप से दुर्बल होती हैं, क्या उनके मस्तिष्क में हीन भावना है, या क्या वे पुरुषों से आत्मिक प्रतिशोध लेना चाहती हैं? अपवादों को छोड़ दिया जाय तो आज के परिवेश में जिदगी की गाडी को सुचारू रूप से चलाने में दोनों अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह सामान रूप से कर रहे हैं?
- ' चाक” की केन्द्रीय चिन्ता भले ही स्त्री-देह के स्व-राज की लगती हो लेकिन एक पुरुष से प्रतिशोध के लिए दूसरे पुरुष पहलवान कॆलासी सिंह को कालावती चाची के द्वारा सेक्स-मुक्ति के नाम पर आनन्द (संजीवनी) देकर अपने पक्ष में करना ऒर प्रतिशोध लेना भले ही युद्ध ऒर प्रेम में सब जायज हॆ जॆसी स्थापना के अनुकूल हो लेकिन सर्वथा ग्राह्य नहीं हॆ भले ही अनुभव के स्तर पर (अपवाद की तरह) यह सच्ची घटना से प्रेरित प्रसंग ही क्यों न हो ।
- ' चाक ” की केन्द्रीय चिन्ता भले ही स्त्री-देह के स्व-राज की लगती हो लेकिन एक पुरुष से प्रतिशोध के लिए दूसरे पुरुष पहलवान कॆलासी सिंह को कालावती चाची के द्वारा सेक्स-मुक्ति के नाम पर आनन्द (संजीवनी) देकर अपने पक्ष में करना ऒर प्रतिशोध लेना भले ही युद्ध ऒर प्रेम में सब जायज हॆ जॆसी स्थापना के अनुकूल हो लेकिन सर्वथा ग्राह्य नहीं हॆ भले ही अनुभव के स्तर पर (अपवाद की तरह) यह सच्ची घटना से प्रेरित प्रसंग ही क्यों न हो ।