पूर्व स्थान sentence in Hindi
pronunciation: [ purev sethaan ]
"पूर्व स्थान" meaning in English
Examples
- यहूदियों ने फिर भी अपना पूर्व स्थान येरुशलम प्राप्त कर लिया हो किन्तु पारसी आज भी चाहै भटक ही क्यों न रहें हों किन्तु अपने आप को बचाए अवश्य रखा है।
- उन्होंने सुझाव दिया कि लौधाबाड़ी पुल के नीचे से लेकर एक किलोमीटर पहले तक सदियों से जमा गाद को उसके गर्भ से निकालकर रेतुआ नदी की धार को पूर्व स्थान पर लाया जा सकता है।
- शाम से पूर्व स्थान ग्राम भैसाझाला के जंगल गढ़ीगोठ, थाना-बनबसा, जिला-चम्पावत में अभियुक्तगण ने वादी मोहन सिहं महर के भाई हरीश सिहं के सिर पर डण्डे से चोटें पहुंचाई तथा गला दबाकर मृत्यु कारित कर हत्या की।
- बासोपंट्टी (मधुबनी), सीमावर्ती हरलाखी प्रखंड के हरने गांव में अपने पूर्व स्थान पर नलकूप लगाने से नेपाली अधिकारियों द्वारा रोके जाने से भारतीय अधिकारी पशोपेश में है तथा वरीय अधिकारियों की आदेश की प्रतीक्षा की जा रही है।
- सत्ता हस्तांतरण के दिवस (१५-८-१९४७) के उपरांत तो इस कुचक्र की गोरे अंग्रेजो पर निर्भरता भी समाप्त हो गई, अब तो इसे निर्बाधित रूप से चलने देने के लिए बिना रीढ़ के काले अंग्रेज भी पर्याप्त थे, जिनमें साहस ही नहीं है भारत को उसके पूर्व स्थान पर पहुँचाने का |
- इस कथन का साक्ष्य कुमाऊँ क्षेत्र में घसने वाले ' साह' लोगों की इस मान्यता से होता है कि साह अपना पूर्व स्थान 'झूसी' इलाहाबाद को मानते हैं और आज भी साह लोग विशेष रुप से बढ़े-बूढ़े जब कभी प्रयाग व कुम्भ स्नान के लिए जाते हैं, तब झूसी में ही रहना सार्थक समझते हैं।
- इस कथन का साक्ष्य कुमाऊँ क्षेत्र में घसने वाले ' साह' लोगों की इस मान्यता से होता है कि साह अपना पूर्व स्थान 'झूसी' इलाहाबाद को मानते हैं और आज भी साह लोग विशेष रुप से बढ़े-बूढ़े जब कभी प्रयाग व कुम्भ स्नान के लिए जाते हैं, तब झूसी में ही रहना सार्थक समझते हैं।
- इस कथन का साक्ष्य कुमाऊँ क्षेत्र में घसने वाले ' साह' लोगों की इस मान्यता से होता है कि साह अपना पूर्व स्थान 'झूसी' इलाहाबाद को मानते हैं और आज भी साह लोग विशेष रुप से बढ़े-बूढ़े जब कभी प्रयाग व कुम्भ स्नान के लिए जाते हैं, तब झूसी में ही रहना सार्थक समझते हैं।
- संस्था द्वारा जारी रैंकिंग में यद्यपि कुछ नियमों की वजह से भारत तरक्की करके अपने पूर्व स्थान से एक स्थान ऊपर की और खिसका हैतथापि इस उन्नति पर कितना गर्व किया जाए या फिर शर्म किया जाये इसमें कोई दुविधा नहीं है क्योंकि भ्रष्टाचार के खिलाफ लडाई के प्रति राजनीतिक प्रतिबद्धता का स्तर तो सभी जानते हैं.
- सत्ता हस्तांतरण के दिवस (१ ५-८-१ ९ ४ ७) के उपरांत तो इस कुचक्र की गोरे अंग्रेजो पर निर्भरता भी समाप्त हो गई, अब तो इसे निर्बाधित रूप से चलने देने के लिए बिना रीढ़ के काले अंग्रेज भी पर्याप्त थे, जिनमें साहस ही नहीं है भारत को उसके पूर्व स्थान पर पहुँचाने का |