पंडित शिवकुमार शर्मा sentence in Hindi
pronunciation: [ pendit shivekumaar shermaa ]
Examples
- ज्योतिषाचार्य पंडित शिवकुमार शर्मा ने बताया सूर्यग्रहण एक अगस्त को श्रावण की अमावस्या में दिन के समय लगेगा, जो भारतीय समयानुसार अपराह्न 1.30 बजे से शुरू होकर सायं 06 बजकर 08 मिनट तक होगा।
- यहीं पंडित शिवकुमार शर्मा जी ने समझाया लोक गीतों की अलग-अलग लय के बारे में जो शास्त्रीय अंदाज़ में अलग है और किन्नरों का अंदाज़ अलग है और ठेठ लोकगायकी में कुछ पश्चिमी अंदाज़ आ मिला है।
- मैं सौभाग्यशाली हूं कि मुझे उस्ताद अली अकबर खान, उस्ताद विलायत खान, पंडित रविशंकर और शिव हरि ‘ पंडित शिवकुमार शर्मा और पंडित हरि प्रसाद चौरसिया ' जैसे बड़े संगीतकारों के साथ काम करने का मौका मिला।
- छेड़ रखा था पंडित शिवकुमार शर्मा ने जो पैदा हुए जम्मू में रचाया संगीत अपनी शिराओं में पांच वर्ष की उम्र से ही अपने पिता पंडित उमादत्त शर्मा और गुरु बनारस के पंडित बड़े रामदासजी की छांह में!
- पंडित जसराज, पंडित शिवकुमार शर्मा, उस्ताज अमजद अली खान और पंडित भीमसेन जोशी से लेकर सारे कलाकर इस कार्यक्रम में हाजिरी लगाते है और जो नहीं लगा पाते उन्हें एक छटपटाहट सी लगी रहती है अगले वर्ष तक।
- अमिताभ बच्चन ने अपने ब्लॉग पर लिखा, ” अवार्ड का नाम माइस्ट्रो अवार्ड था, लेकिन सच्चा सम्मान वह था जब मेरे बाएं तरफ प्रतिष्ठित और शास्त्रीय संगीत के पंडित बांसुरी वादक पंडित हरिप्रसाद चौरसिया और संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा मौजूद थे।
- स्वर लहरियों ने खामोश कर दिये थे उन्मादी नारे उतर गये दोनों योद्धा साथी गलबहियां करते पंडित शिवकुमार शर्मा और उस्ताद शफ़ात अहमद खान अपने हथियारों समेत चीर कर भीड़ को करते हुए गर्जना ` नासमझो! यह जुगलबंदी का देश है!! '
- इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में अभिनेत्री जूही चावला और अमिताभ ने कहा कि राहुल के पिता और संतूर सम्राट पंडित शिवकुमार शर्मा ने संतूर वादन से भारतीय संस्कृति की जड़ों को मजबूत किया और इस कला के माध्यम से श्रोताओं को कश्मीर की सुंदरता का एहसास कराया।
- उस दिन दो यात्री और चढ़े थे उस बोगी में अलस्सुबह और कुल जमा पचास मिनट पच्चीस सैकण्ड की एक अभूतपूर्व जुगलबंदी हुई थी वहां स्वर और थाप की! एक थे पंडित शिवकुमार शर्मा जिन्होंने खचाखच भरी बोगी में निकालकर संतूर छेड़ दिया था राग कलावती......
- इस पार बारिश है गर्मागर्म पकौड़े, चाय-कॉफी-शराब है पंडित रविशंकर का सितार है और पंडित शिवकुमार शर्मा का संतूर है याद करता हूँ तो अल्ला रख्खा खाँ का तबला है एक थाप, एक गूँज है कहीं दूर देखता हूँ तो किशोरी अमोणकर का लरजता-बरसता मालकौंस है उस पार न जाने क्या होगा?