नाजायज़ औलाद sentence in Hindi
pronunciation: [ naajaayejaulaad ]
"नाजायज़ औलाद" meaning in English "नाजायज़ औलाद" meaning in Hindi
Examples
- सच है! लेकिन रेप के मामले छोड़ दिये जाएं तो रेड लाइट एरिया, काल गर्ल और नाजायज़ औलाद के मामले मे हमेशा पुरुषों की ही जबर्दस्ती नही चलती, यहाँ अधिकतर सहभागिता के मामले होते हैं।
- कंहा तक वाजिब है? या क्या आप अपने पति के अलावा किसी गैर मर्द के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाना पसंद करेंगी अगर आपके पति को वो बात न पता चले? या क्या आप की कोई नाजायज़ औलाद है..
- इस-दुर्भिक्ष-की नाजायज़ औलाद-बँटवारे-ने कितना लहू पिया है, और आईन्दे भी कितना तांडव मचाएगा इसका अनुमान भी हम बेबस लोग नहीं लगा सकते! पता नहीं कोई-इसी तरह का-आदमी किस बात पर अकड़ता है?
- क्या कभी आपने पति का कत्ल करने की सोची...क्या आपकी कोई नाजायज़ औलाद है...क्या आपको लगता है कि आपकी बीवी आपसे ज्यादा आपके पैसे से प्यार करती है...ये सवाल हैं स्टार प्लस के गेम शो ‘सच का सामना' से...निजी हैं...बहुत मुश्किल हैं...डरावने हैं...कौन होगा ज
- क्या कभी आपने पति का कत्ल करने की सोची...क्या आपकी कोई नाजायज़ औलाद है...क्या आपको लगता है कि आपकी बीवी आपसे ज्यादा आपके पैसे से प्यार करती है...ये सवाल हैं स्टार प्लस के गेम शो ‘सच का सामना' से...निजी हैं...बहुत मुश्किल हैं...डरावने हैं...कौन होगा ज...
- डी. के. मल्होत्रा अपनी पत्नी इंदु और दो बेटियाँ पिंकी और मिन्नी के साथ रहता है| एक बार डी.के. को फ़ोन आता है और वह एक लड़के राहुल को घर लाता है| इंदु को झटका लगता है यह जान कर कि राहुल डी.के. कि नाजायज़ औलाद है|
- उपन्यास तीन महिला किरदारों की प्रणय कथा पर आधारित है, जिनमें मुख्य किरदार चेतना है, जिसका नायक ईक़बाल अपनी माँ की नाजायज़ औलाद है और शादी न करने हेतु कृतसंकल्प है, इस असामान्य परिस्थिति मे पनपे प्रेम की एक असामान्य कथा है ये ।
- जहाँ भी मनाई हों लड़कियों के जाने की लड़को के जाने पर बंदिश लगा दो वहाँ फिर ना होगा कोई रेड लाइट एरिया ना होगी कोई कॉल गर्ल, ना होगा रेप ना होगी कोई नाजायज़ औलाद होगा एक साफ सुथरा समाज जहाँ बराबर होगे हमारे नियमहमारे पुत्र, पुत्री के लिये
- मनाई, बंदिश और नियम जहाँ भी मनाई हों लड़कियों के जाने की लड़को के जाने पर बंदिश लगा दो वहाँ फिर ना होगा कोई रेड लाइट एरिया ना होगी कोई कॉल गर्ल ना होगा रेप ना होगी कोई नाजायज़ औलाद होगा एक साफ सुथरा समाज जहाँ बराबर होगे हमारे नियम हमारे पुत्र, पुत्री के लिये
- येही एक बात सारी गुफ्तुगू मे सुब से गहरी है …… ” शिवानी का उपन्यास “ किश्नुली की ढाट ” मैं ने “ धर्मयुग ” में धारावाहिक रूप में नौ साल की उम्र में पढ़ा था और माँ से पूछा था कि “ नाजायज़ औलाद किसे कहते हैं …??? ” हा हा हा हा ….