देशी शब्द sentence in Hindi
pronunciation: [ deshi shebd ]
"देशी शब्द" meaning in English
Examples
- फलतः हम कह सकसे है कि देशी शब्द का यहाँ इतना ही अर्थ है कि उन शब्दों की व्युत्पत्ति का संबंध जीड़ने में हेमचंद्र का व्याकरणाज्ञान असमर्थ रहा ।
- पर अभी कितने ही अर्से तक हम अंग्रेज अफसरों एवं अंग्रेजी शब्दों को और निभाए जाएंगे? अंत में हमारे लिए अच्छे बुरे देशी अफसर और देशी शब्द ही काम आएंगे।
- चमचा एक देशी शब्द है जो ऐसे व्यक्ति के लिए प्रयुक्त किया जाता है जो अपने आप क्रियाशील नहीं हो पाता है बल्कि उसे सक्रिय करने के लिए किसी अन्य व्यक्ति की आवश्यकता पड़ती है।
- कांशीराम के मुताबिक, “चमचा एक देशी शब्द है जो ऐसे व्यक्ति के लिये प्रयुक्त किया जाता है जो अपने आप क्रियाशील नहीं हो पाता बल्कि उसे सक्रिय करने के लिये किसी अन्य व्यक्ति की आवश्यक्ता पड़ती है।
- कांशीराम के मुताबिक, ” चमचा एक देशी शब्द है जो ऐसे व्यक्ति के लिये प्रयुक्त किया जाता है जो अपने आप क्रियाशील नहीं हो पाता बल्कि उसे सक्रिय करने के लिये किसी अन्य व्यक्ति की आवश्यक्ता पड़ती है।
- वे ब्लॉग जगत में अपनी ख़ास स्टाईल की टिप्पणियों के कारण विख्यात थे जिन्हें काजल कुमार ने ' बीहड़ ' कहा है-क्योकि वे बहुत प्राकृत होती थीं.... देशी शब्द मुहावरों से लबरेज..... और प्रायः इटालिक्स में भी.....
- इधर की खोजों ने यह सिद्ध किया है कि हेमचंद्र ने “देशी नाममाला” में जितने देशी शब्द संकलित किए हैं उनमें से कई के मूलस्त्रोत संस्कृत के जान पड़ते हैं और शेष शब्दों को द्राविड़ स्त्रोत से आया हुआ माना जाने लगा है।
- मान्यवर कांशीराम पुस्तक के प्रारंभ में चमचा / पिटठु की परिभाषा बतलाते है-“चमचा एक देशी शब्द है जो ऐसे व्यक्ति के लिए प्रयुक्त किया जाता है जो अपने आप क्रियाशील नही हो पाता है बल्कि उसे सक्रिय करने के लिए किसी अन्य व्यक्ति की आवश्यकता पड़ती है।
- मान्यवर कांशीराम पुस्तक के प्रारंभ में चमचा / पिटठु की परिभाषा बतलाते है-'' चमचा एक देशी शब्द है जो ऐसे व्यक्ति के लिए प्रयुक्त किया जाता है जो अपने आप क्रियाशील नही हो पाता है बल्कि उसे सक्रिय करने के लिए किसी अन्य व्यक्ति की आवश् यकता पड़ती है।
- इस सारे तमाशे को देखकर एक देशी शब्द याद आता है “ चूतियापा ”, जी नहीं गाली नहीं है ये, बल्कि बिहारी शब्द “ बुड़बक ” का पर्यायवाची है … इसी चूतियापे को देखने के लिये कसाब और अफ़ज़ल गुरु को टीवी-अखबार दिया गया है ताकि उन्हें पता चले कि हम कितने “ बुड़बक ” हैं।