दिल अपना और प्रीत पराई sentence in Hindi
pronunciation: [ dil apenaa aur perit peraae ]
Examples
- उनकी यादगार फ़िल्मों में ‘ पाकीज़ा ', ‘ साहब बीबी और ग़ुलाम ' के अलावा, ‘ आज़ाद ', ‘ दिल अपना और प्रीत पराई ', ‘ आरती ', ‘ दिल एक मंदिर ', ‘ फूल और पत्थर ' और ‘ काजल ' जैसी बेहतरीन फ़िल्में थीं.
- कि साल १ ९ ६ ० के बिनाका गीतमाला के वार्षिक कार्यक्रम में ' दिल अपना और प्रीत पराई ' फ़िल्म के दो गीत शामिल हुए थे जिनमें एक था फ़िल्म का शीर्षक गीत (छठे पायदान पर) और दूसरा गीत था “ मेरा दिल अब तेरा ओ साजना ” (१ २-वीं पायदान पर) ।
- कि शंकर-जयकिशन को नौ बार सर्वश्रेष्ठ संगीतकार के फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार से नवाज़ा गया है, और ये नौ फ़िल्में हैं ' चोरी चोरी ', ' अनाड़ी ', ' दिल अपना और प्रीत पराई ', ' प्रोफ़ेसर ', ' सूरज ', ' ब्रह्मचारी ', ' पहचान ', ' मेरा नाम जोकर ', और ' बेइमान ' ।
- जयकिशन और शंकर को चोरी चोरी (1956), अनाडी (1959), दिल अपना और प्रीत पराई (1960), प्रोफेसर (1963), सूरज (1966), ब्रह्मचारी (1966), मेरा नाम जोकर (1970), पहचान (1971) और बेईमान (1972) के लिए नौ बार सर्वश्रेष्ठ संगीतकार का फ़िल्मफेयर पुरस्कार मिला।
- कैसे करूँ पर्बत को राई सारी दुनिया ऐसी पाई पल में तोला पल में माशा कैसे करूँ पर्बत को राई अपनी फितरत देख तमाशा दिल अपना और प्रीत पराई दर्द की अपनी ये ही भाषा छोड़ चला कोई राजाई किसी का खेल किसी की आशा मन्जर गर नहीं सुखदाई बातेँ छोटी भी सुख की परिभाषा दुखती रगें भी तो दवाई साथी कभी, है प्रेरणा निराशा
- दोस्तों, अभी उपर हम ' अद्भुत रस ' की जिस तरह की परिभाषा से अवगत हुए हैं, उससे तो हमें यकायक जो गीत ज़हन में आया है, वह है फ़िल्म ' दिल अपना और प्रीत पराई ' का, “ अजीब दास्ताँ है ये, कहाँ शुरु कहाँ ख़तम, ये मंज़िले हैं कौन सी, ना वो समझ सके ना हम ” ।
- कि साल १ ९ ६ ० के अमीन सायानी द्वारा प्रस्तुत बिनाका गीत माला के वार्षिक कार्यक्रम में ' मुग़ल-ए-आज़म ', ' चौदहवीं का चांद ', ' दिल अपना और प्रीत पराई ', ' धूल का फूल ', ' छलिया ' और ' काला बाज़ार ' जैसे फ़िल्मों को पछाड़ते हुए ' बरसात की रात ' फ़िल्म का शीर्षक गीत ही बना था उस वर्ष का सरताज गीत।
- फ़िल्म-दिल अपना और प्रीत पराई-1960गायिका-लता मंगेशकरसंगीत-शंकर-जयकिशनगीत-शैलेन्द्रअजीब दास्तां है येकहाँ शुरू कहाँ खतमये मंज़िलें है कौन सीन वो समझ सके न हमअजीब दास्तां...ये रोशनी के साथ क्योंधुआँ उठा चिराग से-२ये ख़्वाब देखती हूँ मैंके जग पड़ी हूँ ख़्वाब सेअजीब दास्तां...किसीका प्यार लेके तुमनया जहाँ बसाओगे-२ये शाम जब भी आएगीतुम हमको याद आओगेअजीब दास्तां...मुबारकें तुम्हें के तुमकिसीके नूर हो गए-२किसीके इतने पास होके सबसे दूर हो गएअजीब दास्तां...फ्री गाना डाउनलोड करें
- उनकी जैसी भावपूर्ण सम्वाद अदायगी उनके बाद कोई नहीं कर पाया! मैं उनकी हर फिल्म बहुत चाव से देखती थी और फिर हफ़्तो उनके अभिनय के नशे मे चूर रहती थी! आपने जिन फिल्मों का ज़िक्र किया है उनके अलावा ' दिल एक मंदिर ' और ' दिल अपना और प्रीत पराई ' भी मेरी बहुत पसंदीदा फ़िल्में हैं! इतने अच्छे आलेख औए इतनी बेमिसाल शख्सियत को याद करने एवं याद दिलाने के लिये आपका आभार एवं धन्यवाद!
- दिल अपना और प्रीत पराई, यहूदी, बंदिश, दिल एक मंदिर, प्यार का सागर, मैं चुप रहॅूगी, आरती, भाभी की चूडिया, काजल, कोहेनूर, सहारा, शारदा, फूल और पत्थर, गजल, नूर जहॉ, मझली दीदी, चन्दन का पालना, भीगी रात, मिस मैरी, बेनजीर, साहिब बीवी और गुलाम, ये सारी ऐसी फिल्मी है जिन्होने मीना कुमारी को बुलंदी के उस आसमान पर पहुॅचा दिया जहॉ से आसमान को छूना बहुत आसान हो जाता है।